चंपारण सत्याग्रह शताब्दी के यात्रियों का भव्य स्वागत
शनिवार को नवादा पहुंच कर नौ मार्च को पटना में किया जायेगा समापन 23 मार्च को पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा से शुरू हुई थी यात्रा बोधगया : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर राष्ट्र सेवादल के नेतृत्व में यात्रियों का जत्था शुक्रवार को बोधगया पहुंचा. दोपहर बाद बोधगया पहुंचे यात्रियों को ऑल इंडिया भिक्खु […]
शनिवार को नवादा पहुंच कर नौ मार्च को पटना में किया जायेगा समापन
23 मार्च को पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा से शुरू हुई थी यात्रा
बोधगया : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर राष्ट्र सेवादल के नेतृत्व में यात्रियों का जत्था शुक्रवार को बोधगया पहुंचा. दोपहर बाद बोधगया पहुंचे यात्रियों को ऑल इंडिया भिक्खु संघ में भिक्खु प्रज्ञादीप ने खादा भेंट कर व माला पहना कर स्वागत किया. यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान भिक्खु प्रज्ञादीप ने बुद्ध के संदेशों की चर्चा की. उन्होंने बुद्ध के शांति व अहिंसा को चंपारण सत्याग्रह से जोड़ते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने भी अहिंसा के मार्ग को अपनाया था. इस दौरान सर्व सेवा संघ के पूर्व सचिव ने औरंगाबाद की घटना की निंदा करते हुए कहा कि गंगा-जमुनी संस्कृति को नष्ट करने पर कुछ लोग तुले हुए हैं. इस साजिश को नाकाम करना होगा.
विचारगोष्ठी की अध्यक्षता राय मदन किशोर ने की व संचालन कारू ने की. संगोष्ठी को शाहिद कमाल, कौशल गणेश आजाद, वसी अहमद, विनोद रंजन, तनवीर आलम, रीता कुमारी व अन्य से संबोधित किया. इससे पहले यात्रियों का शेरघाटी स्थित रंगलाल उच्च विद्यालय में भव्य स्वागत किया गया. यहां बाल शिक्षा अधिकार मंच के मिथिलेश कुमार निराला व अजय श्रीवास्तव ने स्वागत किया. बोधगया के बाद शताब्दी यात्रियों का दल जगजीवन कॉलेज के पास नेचुरल सृजन स्थली पहुंचा व यहां के छात्रों के साथ संवाद किया. रात्रि विश्राम बंधुआ गांव में किया व किसानों के साथ उनकी समस्याओं पर विमर्श किया.
अब शनिवार को यह दल फतेहपुर होते हुए नवादा जिले में प्रवेश करेगा और नौ अप्रैल को पटना पहुंच कर इसका समापन होगा. गौरतलब है कि यह जत्था पिछले 23 मार्च को पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा से प्रारंभ होकर मोतिहारी, आरा, बक्सर, कैमूर, रोहतास व औरंगाबाद के बाद गया पहुंचा है.