घर से गुजर रही पाइपलाइन, फिर भी प्यासे हैं लाेग
पाइपलाइन विस्तार के लिए दिसंबर में निकाला गया था टेंडर, अप्रैल में ठेकेदार को मिला वर्कआॅर्डर पाइप बिहार में उपलब्ध नहीं, दूसरे राज्यों से मंगवाना पड़ता है, काम पूरा होने में दो-महीने लगेंगे गया : लखनपुरा होकर ही पूरे शहर में वाटर सप्लाइ के लिए पाइपलाइन गया है. लेकिन, लखनपुरा के लोगों को चोरी कर […]
पाइपलाइन विस्तार के लिए दिसंबर में निकाला गया था टेंडर, अप्रैल में ठेकेदार को मिला वर्कआॅर्डर
पाइप बिहार में उपलब्ध नहीं, दूसरे राज्यों से मंगवाना पड़ता है, काम पूरा होने में दो-महीने लगेंगे
गया : लखनपुरा होकर ही पूरे शहर में वाटर सप्लाइ के लिए पाइपलाइन गया है. लेकिन, लखनपुरा के लोगों को चोरी कर पानी का इंतजाम करना पड़ता है. सच ही कहा गया है जिसके घर में कुआं हाे, वही प्यासा रह जाता है. ठीक यही हाल है लखनपुरा मुहल्ला के लाेगाें का. जानकारी के अनुसार, इस इलाके के घरों में किये गये प्राइवेट बोरिंग का पानी भी मनसरवा नाले के कारण प्रदूषित हो गया है. यहां के लोग मुहल्ले के बगल से गुजरने वाली पाइपलाइन से ही पानी चोरी कर अपना काम चलाते हैं. इस इलाके के लाेग पानी के लिये दो पाइपों के ज्वाइंट पर अनाधिकृत रूप से अपना पाइप लगा देते हैं. लेकिन, पिछले कई दिनों से इस पाइपलाइन में भी गंदा पानी आ रहा है.
लोगों ने बताया कि सुबह होते ही सभी घरों से बच्चे-बड़े पानी के इंतजाम के लिए निकल जाते हैं. इस मामले में कई बार नगर निगम के अधिकारी ने जल्द कार्रवाई कर समाधान निकालने की बात कही. दिसंबर में यहां पाइपलाइन के लिए टेंडर भी निकाला गया, लेकिन, काम शुरू नहीं हो सका है. लोगों ने मान लिया है कि पाइपलाइन विस्तार कर पानी सप्लाइ देने में अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. ‘प्रभात खबर’ ने छह अक्तूबर 2017 को ‘कोई चारा नहीं देख चोरी कर पानी पी रहे लखनपुरा के लोग’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से छापी थी. इसके बाद निगम के अधिकारी हरकत में आये थे.
चार महीने बाद हुआ एग्रीमेंट
लखनपुरा में पाइपलाइन विस्तार के लिए 24 लाख का टेंडर दिसंबर में निकाला गया. निगम सूत्रों का कहना है कि यहां की परेशानी के बारे में सब कुछ पता होने के बाद भी अधिकारी ने ठेकेदार को एग्रीमेंट करने में तीन महीने का समय लगा दिया. 11 अप्रैल को ठेकेदार को वर्क ऑर्डर दिया गया है. ठेकेदार का कहना है कि पाइप बिहार में उपलब्ध नहीं होने के कारण दूसरे राज्य से मंगवाना पड़ता है. इसमें करीब 25 दिनों का समय लग जायेगा. काम होते-होते दो से तीन माह का समय लग जायेगा. निगम सूत्रों की मानें, तो बताया जा रहा है कि यहां कई ठेकेदारों का पहले से पूरी की गयी योजनाओं का पैसा अब तक बकाया है. नगर आयुक्त काम होने के बाद भी पेमेंट करने में काफी देर कर रहे हैं.