ठेकेदार के साथ एग्रीमेंट था 750 चापाकलों की मरम्मत का, दबाव बनाया जा रहा 1168 चापाकलों को दुरुस्त करने का

नगर आयुक्त ने ठेकेदार को भेजा नोटिस, नहीं सुनने पर होगी कार्रवाई गया : गर्मी से पहले नगर निगम द्वारा की गयी तैयारियों का दावा फेल होता दिख रहा है. शहर में करीब 200 चापाकल व प्याऊ हैं जो खराब पड़े हैं. यहां के इंजीनियर का फोन कॉल मरम्मत में लगे ठेकेदार नहीं रिसीव करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2018 4:29 AM

नगर आयुक्त ने ठेकेदार को भेजा नोटिस, नहीं सुनने पर होगी कार्रवाई

गया : गर्मी से पहले नगर निगम द्वारा की गयी तैयारियों का दावा फेल होता दिख रहा है. शहर में करीब 200 चापाकल व प्याऊ हैं जो खराब पड़े हैं. यहां के इंजीनियर का फोन कॉल मरम्मत में लगे ठेकेदार नहीं रिसीव करते हैं. ऐसे में चापाकल व प्याऊ बनाने का काम अधिकारी व ठेकेदार के बीच खींचतान में अब तक फंसा हुआ है.
पार्षद के दरवाजे पर हर रोज आम लोग चापाकल व प्याऊ की मरम्मत कराने की मांग को लेकर पहुंचते हैं. पार्षद अपनी विवशता बताते हुए लोगों को जल्द सुधार होने का आश्वासन देते नहीं थक रहे हैं. पार्षदों का आरोप है कि अधिकारी जल्द चापाकल व प्याऊ बनाने की बात करते हैं लेकिन, बन नहीं पा रहा है. इससे लोगों में काफी असंतोष है. गौरतलब है कि नगर निगम में गर्मी के शुरू होते ही चापाकल व प्याऊ की मरम्मत की सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. लेकिन, अब तक यहां आयी सूचना पर ठेकेदार व अधिकारियों की खींचतान में काम नहीं हो पा रहा है. अधिकारी की ओर से सिर्फ बैठकों का दौर चलाया जा रहा है.
यह भी एक मामला : निगम सूत्रों का कहना है कि मरम्मती के ठेकेदार से 750 चापाकल के लिए एग्रीमेंट किया गया है. लेकिन, ठेकेदार पर शहर में लगे 1168 चापाकलों की मरम्मत करने का दबाव बनाया जाता है. इस कारण ठेकेदार मरम्मती की सूचना मिलने पर साफ कहते हैं कि बिगड़ा हुआ चापाकल पीएचइडी का है. जानकारी हो कि पीएचइडी द्वारा लगाये गये चापाकलों का रखरखाव निगम को ही करना पड़ रहा है. सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार को मरम्मती का सामान भी समय पर निगम से नहीं मिल पाता है.
चापाकल व प्याऊ की संख्या
निगम की चापाकल 750
पीएचइडी की चापाकल 418
खराब चापाकलों की संख्या 260 लगभग
शहर में प्याऊ की संख्या 152
खराब प्याऊ की संख्या 26 लगभग
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त जनार्दन अग्रवाल ने कहा कि ठेकेदार को मरम्मती की जिम्मेदारी दी गयी है. किसी तरह की कमी या फिर जरूरत को बताने के लिए ठेकेदार बैठकों में नहीं पहुंचते हैं. फोन करने पर भी बात तक नहीं करते. इसकी लिखित शिकायत कनीय अभियंताओं ने दी है. उन्होंने कहा कि शहर में पेयजल संकट को देखते हुए ठेकेदार को नोटिस किया गया है. उसके बाद भी सुधार नहीं आया, तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जायेगी.
नोटिस की जानकारी नहीं
ठेकेदार द्वारा चापाकल व प्याऊ मरम्मत के लिए पाइप की मांग बहुत दिनों से की जा रही है. पाइप की खरीदारी के लिए अधिकारी से मंत्रणा के बाद सहमति भी बन गयी. लेकिन, अब तक लापरवाही के कारण पाइप की खरीदारी नहीं की जा सकी है. इसके साथ ही ठेकेदार को 750 चापाकल बनाने के लिए एग्रीमेंट किया गया है. शहर में निगम व पीएचइडी मिला कर लगे 1168 चापाकलों को बनाने के लिए ठेकेदार पर दबाव बनाया जा रहा है. उसकी संख्या बढ़ाने पर अधिकारी कोई फैसला नहीं कर रहे हैं. नगर आयुक्त द्वारा ठेकेदार को नोटिस दिये जाने की जानकारी उन्हें नहीं है.
वीरेंद्र कुमार, मेयर, गया नगर निगम

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