एक मस्जिद और एक मदरसे में महिलाएं पढ़ेंगी तरावीह की नमाज
गया : इस बार रमजान उल मुबारक के मौके पर औरतों के लिए तरावीह की नमाज पढ़ने की व्यवस्था गया शहर के मदरसाें व मस्जिदों में की गयी है. यह इंतजाम मस्जिद के प्रबंधकों द्वारा किया गया है. इसके अलावा जो महिलाएं मस्जिदों तक नहीं आ सकती हैं, उनके लिए उनके घर पर ही तरावीह […]
गया : इस बार रमजान उल मुबारक के मौके पर औरतों के लिए तरावीह की नमाज पढ़ने की व्यवस्था गया शहर के मदरसाें व मस्जिदों में की गयी है. यह इंतजाम मस्जिद के प्रबंधकों द्वारा किया गया है. इसके अलावा जो महिलाएं मस्जिदों तक नहीं आ सकती हैं, उनके लिए उनके घर पर ही तरावीह का एहतेमाम उनके परिजनों द्वारा किया गया है.
पर्दे का ख्याल रखते हुए कम उम्र के हाफिज-ए-कुरान इमामत (इमाम जिसके पीछे लोग नमाज पढ़ते हैं) करते हैं. इसकी तैयारी मस्जिद व मदरसा प्रबंधन समिति द्वारा पूरी कर ली गयी है. गया के दारुल अमान मदरसा और अल-मीनार मस्जिद में बीते सालों की तरह इस बार भी महिलाएं तरावीह की नमाज पढ़ेंगी. दारुल अमान मदरसे में 27 दिनों की तरावीह होगी. यहां मौलाना हाफिज अब्दुल्ला जफर (14वर्ष) व मौलाना हाफिज नौशाद (16वर्ष) महिलाओं को तरावीह पढ़ायेंगे. इसी तरह अल-मीनार मस्जिद में महिलाओं को मौलाना हाफिज द्वारा तरावीह पढ़ाया जायेगा.
तरावीह को लेकर महिलाओं में विशेष उत्साह रहता है. रमजान में सहरी, इफ्तार व रात का खाना बनाने के साथ बच्चों को भी तैयार कर स्कूल भेजना होता है. इस व्यस्तता के बीच इबादत करने के मामलों में महिलाएं मर्दों से पीछे नहीं हैं. इस बार पांचों वक़्त की नमाज के साथ तरावीह की नमाज़ भी अदा की जायेगी. यह जानकारी दारुल अमान वेलफेयर के प्रबंधक मोहम्मद वसीम ने दी है. उन्होंने बताया कि 17 मई से रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है. उन्होंने बताया कि तरावीह की नमाज पढ़ने वालों को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. इससे लोगों को अल्लाह ताला बरकत देते हैं. साथ ही उनकी सभी परेशानियों को दूर करते हैं.