गया : वस्त्र उद्योग नगरी मानपुर के बच्चे पिछले 15 सालों से लगातार आइआइटी जेईई एडवांस में सफलता का परचम लहराते आ रहे हैं. लेकिन, रविवार को जैसे ही आइआइटी-जेईई का परिणाम आया, वहां के बच्चों और परिजनों में काफी उदासी व निराशा देखने को मिली. इस बार पटवाटोली में कुछ खास उत्साह नहीं दिखा. फिर भी पटवाटोली के पांच बच्चों ने कामयाबी हासिल कर अपनी मर्यादा बचाये रखी.
सफल छात्रों में परमानंद कुमार (पिता- मोहन प्रसाद, माता- सरिता देवी) ने ओबीसी में 1830 और जेनरल में 9751वां रैंक प्राप्त किया. वहीं, चंदन प्रकाश (पिता- लालकेश्वर प्रसाद, माता- अनीता देवी) ने ओबीसी में 978 और जेनरल में 5745, अंकित कुमार (पिता- ओम प्रकाश, माता- गीता देवी) ने ओबीसी में 1522 और जेनरल में 8331वां रैंक, जय प्रकाश (पिता- ओम प्रकाश, माता- रेणु देवी) ने ओबीसी में 1195वां रैंक प्राप्त किया. साथ ही रवि कुमार (पिता- जितेंद्र कुमार) ने ओबीसी में 2300वां रैंक प्राप्त किया.
पुश्तैनी धंधे के प्रति रुचि नहीं ले रहे बुनकरों के बच्चे
मानपुर पटवाटोली निवासी परमानंद कुमार ने बताया कि उन्हें आईआईटी की पढ़ाई पूरी कर इलेक्ट्रिशियन बनना है. जब उसे पुश्तैनी धंधों को नये और आधुनिक टेक्नोलॉजी के बल पर आगे बढ़ाने की बात पूछी गयी, तो उन्होंने बताया कि सूत्री वस्त्र उद्योग में आगे संभावनाएं नहीं हैं. उनके परिवार के लोग घर के अंदर ही 12 जोड़ी पावरलूम मशीन बैठा कर वस्त्र उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने अपनी तैयारी रिज्यूम इंस्टीच्यूट कोटा में रह कर पूरी की. प्रारंभिक शिक्षा एसएमवाई पब्लिक स्कूल दिल्ली से पूरी की. परमानंद ने बताया कि वह दूसरे प्रयास में सफल रहे. पहली बार उन्हें 24000वां रैंक प्राप्त हुआ था.
वहीं, अंकित के माता-पिता बुनकर मजदूर हैं. लेकिन, उनके परिवार में माता-पिता के अलावा दूसरे लोग भी शिक्षा के महत्व को जानते-समझते हैं. इसका परिणाम है कि अंकित के बड़ा भाई आइआइटी कानपुर में शिक्षक हैं. अंकित अपनी सफलता का श्रेय भाई-बहन को देते हैं. सफल छात्रों के सभी परिवार इस कामयाबी के प्रति खुश हैं. सफल छात्रों को जदयू नेता प्रकाश राम पटवा ने सफलता पर बधाई दी और बच्चों को दुर्गास्थान पटवाटोली में सम्मानित किया.