आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए मशीन मंगायी, पर काम शुरू नहीं

गया : शहर में घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए निगम ने चार माह पहले आवारा पशु पकड़ने के लिए हाइड्रोलिक गाड़ी मंगवायी है. लेकिन, आवारा पशुओं के पकड़ने का काम तक शुरू नहीं किया गया है. शहर में हर रोज आवारा पशुओं के कारण कई लोग घायल होते हैं. कुछ सड़कों पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2018 4:41 AM
गया : शहर में घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए निगम ने चार माह पहले आवारा पशु पकड़ने के लिए हाइड्रोलिक गाड़ी मंगवायी है. लेकिन, आवारा पशुओं के पकड़ने का काम तक शुरू नहीं किया गया है. शहर में हर रोज आवारा पशुओं के कारण कई लोग घायल होते हैं. कुछ सड़कों पर तो दिन भर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है. पिछले वर्ष पटना नगर निगम से हाइड्रोलिक गाड़ी ला कर आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान चलाया गया था.
सड़कों व फल्गु नदी के घाटों पर अभियान चलाये जाने के कारण आवारा पशुओं पर कुछ दिनों के लिए लगाम लग गया था. लेकिन, कुछ दिनों बाद ही गाड़ी पटना नगर निगम को वापस कर दी गयी. उसके बाद बोर्ड ने खुद की गाड़ी खरीद कर अभियान चलाने का फैसला लिया. चार माह पहले गाड़ी भी खरीद ली गयी. पर अब तक गाड़ी सिर्फ नगर निगम के विकास शाखा की शोभा बढ़ा रही है.
आउटसोर्सिंग में नहीं ली किसी ने रुचि : नगर निगम से आवारा जानवर पकड़ने के लिए टेंडर के माध्यम से प्राइवेट व्यक्ति को सौंपने की योजना बनायी गयी है. इसके लिए एक बार निगम ने टेंडर भी निकाला है. टेंडर निकलने के बाद किसी ने इसमें अभिरुचि नहीं ली. दूसरी बार निगम के माध्यम से टेंडर निकाला गया है. निगम ने टेंडर में शर्त रखी है कि पशु पकड़ने की जिम्मेदारी संभालने वाले व्यक्ति को जानवर के रहने की व्यवस्था, खाना आदि का भी प्रबंध करना होगा. इसके बदले में ठेकेदार को पशु मालिक से निगम द्वारा तय की गयी निश्चित राशि वसूलनी होगी.

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