महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं संगीता शरण
गया : झारखंड के डालटेनगंज शहर में जन्मी डॉ संगीता शरण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के समर्थन में उन्हें शोषण से बचाने की मुहिम में जुटी हैं. डॉ संगीता शरण का मानना है कि बतौर एक महिला सभी महिलाओं को समान अधिकार व बराबरी का दर्जा दिलाना उनका एकमात्र […]
गया : झारखंड के डालटेनगंज शहर में जन्मी डॉ संगीता शरण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के समर्थन में उन्हें शोषण से बचाने की मुहिम में जुटी हैं. डॉ संगीता शरण का मानना है कि बतौर एक महिला सभी महिलाओं को समान अधिकार व बराबरी का दर्जा दिलाना उनका एकमात्र लक्ष्य है.
इसके लिए वह हमेशा संघर्षरत रहेंगी. दरअसल 2017-18 में डॉ शरण इनरह्वील क्लब गया सिटी की अध्यक्षा बनने के बाद से ही महिलाओं को कानूनी रूप से सशक्त बनाने के लिए अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाने के साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण, स्कूलों में सेनेटरी पैड मशीन लगाने व किशोरियों की सुरक्षा व नैतिक जागरूकता के लिए सेमिनार का आयोजन कराती रही हैं. इससे पहले उन्होंने 2009 में बोधगया स्थित रूट इंस्टीट्यूट के साथ जुड़ कर अनाथ व एचआइवी से ग्रसित बच्चों के उत्थान के लिए कई वर्षों तक कार्य किया है.
डॉ शरण महिलाओं के उत्थान व विकास के लिए संघर्षरत रही हैं व महिला आयोग के माध्यम से भी न्याय दिलाने का काम कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि दूरदर्शन व आकाशवाणी में सक्रिय रहीं हैं व सार्क के कॉन्फ्रेंस में भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
उन्होंने 1993 में डालटेनगंज से अधिवक्ता के रूप में काम शुरू कर रांची हाइकोर्ट में लगभग 16 वर्षों तक प्रैक्टिस किया है. डॉ शरण ने योध सिंह नामधारी महिला काॅलेज में व्याख्याता से अपनी कैरियर की शुरुआत की व समाजसेवा की भावना से जागृत होने के कारण कांग्रेस पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पलामू जिला महिला अध्यक्ष बनीं व बाद में प्रदेश सचिव के पद पर कामकाज संभाला. इस बीच वह नगरपालिका आयुक्त व रेलवे बोर्ड की सदस्या भी रहीं.