फ्लोराइड प्रभावित गांवों में निगरानी करेंगे अधिकारी

गया : जिले के फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को मिनी जलापूर्ति योजना के तहत शुद्ध पानी मुहैया कराया जा रहा है. इन इलाकों में पानी की गुणवत्ता जांच करने जल्द ही पीएचइडी की टीम इलाकों का दौरा करेगी. पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता चंदेश्वर राम ने बताया कि पिछले एक से दो सालों से कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2018 5:24 AM
गया : जिले के फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को मिनी जलापूर्ति योजना के तहत शुद्ध पानी मुहैया कराया जा रहा है. इन इलाकों में पानी की गुणवत्ता जांच करने जल्द ही पीएचइडी की टीम इलाकों का दौरा करेगी. पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता चंदेश्वर राम ने बताया कि पिछले एक से दो सालों से कई इलाकों में यह योजना चल रही है.
इस योजना का विस्तार धीरे-धीरे सभी प्रखंडों में किया जा रहा है. ऐसे में इन इलाकों में लोगों को शुद्ध पानी मिलने के बाद उनके स्वास्थ्य पर कितना असर हुआ है, साथ ही कितने परिवारों को इसका फायदा हुआ है, टीम यह पता लगायेगी, ताकि उन क्षेत्रों को पूरी तरह से फ्लोराइड युक्त पानी की श्रेणी से बाहर किया जा सके.
अधिकारियों को दिया जायेगा जांच का जिम्मा इस टीम में सहायक अभियंता व एसडीओ स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. अलग-अलग जोन में बांट कर इस टीम को जांच का जिम्मा दिया जायेगा. यह टीम एक महीने में चार से पांच क्षेत्रों का दौरा करेगी. इसकी पूरी रिपोर्ट गया कार्यालय को दी जायेगी. इसके बाद पटना मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी. पीएचइडी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो जल्द ही टीम का गठन कर दिया जायेगा.
जिले में 222 बसावट हैं फ्लोराइड से प्रभावित
जिले के सभी 24 प्रखंड फ्लोराइड से प्रभावित हैं. इसमें 222 बसावटों की पहचान की गयी है. इन सभी क्षेत्रों में मिनी सोलर वाटर योजना के तहत शुद्ध पानी मुहैया कराना है. हाल ही में मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत नौ करोड़ रुपये की 24 योजनाएं पूरी हुई हैं. गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले ही सरकार के स्तर पर फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में मिनी सोलर वाटर प्लांट लगाने का निर्देश दिया गया है. ऐसे इलाकों में पानी की गुणवत्ता समय-समय पर जांच करने का निर्देश भी है, ताकि यह पता चल सके कि योजना के दायरे में रह रहे परिवारों को कितना लाभ मिला है.

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