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पहले खजूर में बांधा, फिर पसुली से काट दिया गला, प्रेमिका के परिजनों ने ही करायी मिल्टन की हत्या

मानपुर : पिछले 27 जून को मुफस्सिल थाने के बारा गांव के बधार में शिव कुमार रवि उर्फ मिल्टन की हत्या का खुलासा पुलिस ने शनिवार को कर दिया. इस हत्याकांड में पुलिस ने बारा गांव के रहनेवाले किशोरी साव, उसकी बेटी मंजू कुमारी, बेटा अवधेश कुमार, भाई विजय साव, भाई गरीबन साव, दामाद (परैया […]

मानपुर : पिछले 27 जून को मुफस्सिल थाने के बारा गांव के बधार में शिव कुमार रवि उर्फ मिल्टन की हत्या का खुलासा पुलिस ने शनिवार को कर दिया. इस हत्याकांड में पुलिस ने बारा गांव के रहनेवाले किशोरी साव, उसकी बेटी मंजू कुमारी, बेटा अवधेश कुमार, भाई विजय साव, भाई गरीबन साव, दामाद (परैया थाने के दखिनेर गांव के रहनेवाले) अजय साव व परैया थाने के मंझार के रहनेवाले शिवसागर रविदास का बेटा सुरेश कुमार (अजय साव के दोस्त) को गिरफ्तार किया है.
शनिवार को मुफस्सिल थाने में पत्रकारों से बातचीत मे वजीरगंज डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह व मुफस्सिल थानाध्यक्ष कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि बारा गांव के किशोरी साव की बेटी मंजू कुमारी की शादी 2015 में परैया थाने के दखिनेर गांव के रहनेवाले चंदेश्वर साव के बेटे अजय साव के साथ हुई थी. इस दंपती को एक डेढ़ साल की बच्ची भी है.
शादी के बाद भी मंजू अपने नैहर में रहती थी और मानपुर बाजार में अपने गांव की सहेली अंजलि के साथ सिलाई-कढ़ाई का कामकाज सीखने जाती थी. रास्ते में आने-जाने के दौरान अंजलि अपनी बड़ी बहन के देवर शिवकुमार रवि उर्फ मिल्टन से मोबाइल फोन पर प्यार भरी बातें करती थी. लेकिन, यह मोबाइल फोन मंजू का था. कभी-कभी मिल्टन अंजलि से बात करने के लिए फोन करता था, तो उसकी बात मंजू से भी होने लगी. इसी दौरान मंजू व मिल्टन में प्यार के परवान चढ़ने लगा. हालांकि, मंजू शादीशुदा थी और एक बच्ची की मां थी. इसके बावजूद मंजू की हुस्न के आगे मिल्टन उसका दीवाना था. इसके बाद मंजू को मिल्टन प्रेम जाल में फंसा कर इसी वर्ष होली के पहले पटना लेकर भाग गया. लगभग दो माह तक पटना में किराये के मकान में रखा.
इसके बाद मंजू वापस अपने ससुराल परैया थाना के दखनेर पहुंच गयी. इस घटना से मंजू का पति अजय साव दु:खी था. इधर, मंजू के पिता किशोरी साव व उसके बेटा अवधेश कुमार, किशोरी के भाई विजय साव व गरीबन साव भी दुखी था. मंजू ससुराल से भी फोन कर मिल्टन से बातें करती थी. पिछले 26 जून को मंजू के पति अजय साव (पिता चंदेश्वर साव, साकिन दखनेर थाना परैया) व उसके दोस्त सुरेश कुमार (पिता शिवसागर रविदास साकिम मंझार थाना परैया) बाइक पर मंजू के साथ बारा पहुंचा.
इसके बाद अजय के पत्नी मंजू व मंजू के भाई अवधेश ने फोन कर मिल्टन को बारा गांव बुलाया. मिल्टन बारा गांव शाम मेें पहुंच गया. इसके बाद अवधेश ने मिल्टन को गुडफेथ में लेकर बारा गांव के बधार में अजय कुमार मेहता के मूंग खेत के पास पहुंचा. मिल्टन के आने का इंतेजार पहले से किशारी साव, गरीबन साव, विजय साव, अजय साव व सुरेश कुमार कर रहा था. मिल्टन को पहले हाथ बांध खजूर के पेड़ से बांध दिया. इसके बाद पसुली से मंजू के भाई अवधेश ने गला रेत हत्या कर दी.
इस हत्या से पहले मिल्टन ने काफी संघर्ष भी किया. इसमें मंजू के पति अजय साव के हाथ व अजय के दोस्त सुरेश भी जख्मी हो गये. वहीं, अवधेश को भी शरीर के कुछ भाग तेज पसुली से कट गया. इसके बाद हत्या कर शव को टांग कर आहर के पास फेंक दिया. मिल्टन के सिर को लाश के पास से 200 मीटर दूर फेंक दिया.
युवती, उसका पति, भाई, पिता, चाचा व पति का दोस्त गिरफ्तार
पुलिस अनुसंधान के क्रम में मोबाइल लोकेशन को पकड़ा व उसके सहारे परत दर परत हत्या का राज खुलता गया. डीएसपी ने बताया कि सभी आरोपितों के मोबाइल जब्त कर लिया गया है. हत्या में प्रयुक्त पसुली भी पकड़ा गया. केस के अनुसंधान कर्ता एसआइ राकेश कुमार ने बताया कि हत्या के पहले प्लान तैयार किया गया. प्लान के आधार पर काम हुआ. इसमें मिल्टन के पिता जट्टू रविदास ने अावेदन देकर हत्या का मामला दर्ज कराया था. इसमें अंजली उसके पिता बारा निवासी, मंजू व उसके पिता किशोरी साव बारा निवासी को आरोपित बनाया गया था.
मामले के उद्भेदन के बाद पुलिस ने ली राहत की सांस
मुफस्सिल थाना पुलिस के लिए निर्मम हत्या पुलिस के लिए सरदर्द बनी हुई थी. पुलिस ने जब हत्या का उद्भेदन कर लिया, तो उसके चेहरे पर परेशानी की झलक नहीं दिख रही थी. अनुसंधानकर्ता का मानना है कि हत्या की खुलासा करने में थोड़ा समय लगा लेकिन, इस केस में निर्दोष लोग नहीं फंसे. सभी आरोपितों में मंजू कुमारी, उसके पिता किशोरी साव, भाई अवधेश कुमार, चाचा विजय साव, गरीबन साव, मंजू के पति अजय साव, अजय के दोस्त सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया. न्यायालय के आदेश पर सभी आरोपितों को जेल भेजा जायेगा.
पहले से पता होता, तो नहीं आते
मंजू के पति अजय के दोस्त सुरेश ने पुलिस को प्रारंभिक जांच व पूछताछ में बताया कि अजय साव किराना दुकान चलाता है. उसके गांव दखनेर से करीब दो किलोमीटर दूर उसका गांव मंझार है. लेकिन, उससे दोस्ती हो गयी. सुरेश पेशे से ताड़ी का धंधा करता है. सुरेश के बारे में लोग पासी समाज से जोड़ देख रहे थे. सुरेश को जब पुलिस ने पूछा तो उसने बताया कि मुझे अजय ने नहीं बताया था कि बारा गांव जाकर हत्या करनी है. सुरेश को जब पता चला कि तुमने जिसकी हत्या की, वह तुम्हारी जात-परिवार था, तो वह काफी दुखी हुआ. लेकिन, पुलिस के पकड़ के चलते भागा फिरता था.

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