पानी को तरस रहे किसान

गुरुआ: बरसात का मौसम आने को है और उतरी कोयल नहर परियोजना की हालत देख इस बार फिर किसानों को चिंता सताने लगी है कि पिछले वर्ष की तरह कहीं फिर इस वर्ष भी नहर से धोखा न खा जाये. किसानों के अनुसार, अगर उत्तरी कोयल नहर में पानी आ जाता है, तो प्रखंड क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

गुरुआ: बरसात का मौसम आने को है और उतरी कोयल नहर परियोजना की हालत देख इस बार फिर किसानों को चिंता सताने लगी है कि पिछले वर्ष की तरह कहीं फिर इस वर्ष भी नहर से धोखा न खा जाये. किसानों के अनुसार, अगर उत्तरी कोयल नहर में पानी आ जाता है, तो प्रखंड क्षेत्र के काज, पकरी, नदौरा, गुनेरी, मंडा, दुब्बा, पलुहारा, चिलोर, बरमा आदि पंचायत के सैकड़ों गांवों के किसान लाभान्वित होंगे और किसानों के बीच खुशियां आयेगी.

हालांकि, यहां के बुजुर्ग, बुद्धिजीवियों व प्रतिनिधियों ने अब तक मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री विधायक के अलावा सांसद सुशील कुमार सिंह को भी कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिले. यही कारण है कि उतरी कोइल नहर का अस्तित्व धीरे-धीरे मिटता जा रहा है. इस नहर में दर्जनों जगहों पर बांध टूट चुका है. नहर के बीच सीमेंट की दीवार भी उखाड़ने लगी है.

इससे धीरे-धीरे नहर का रूप समाप्त होने लगा है. इस संबंध में सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार से वन लगाने के लिए जमीन मांगी है. जब तक जमीन नहीं मिलती है, तब तक परमिशन नहीं मिलेगा. सांसद ने इसे चालू कराने के लिए कई बार सरकार को भी पत्र लिखा है. अर्थात जमीन मिलने के बाद ही उत्तर कोयल नहर परियोजना चालू होगी.

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