गया जंकशन या ‘जादूघर’ !

गया: जी हां, यह सच है. जादू देखना है, वह भी मुफ्त में, तो गया जंकशन आइये. लेकिन, पहले पता कर लें. रेलवे के कोई वरीय पदाधिकारी आनेवाले हैं या नहीं. यहां अधिकारियों के आने के पहले व जाने के बाद ही जादू होता है. वह भी छोटा-मोटा नहीं. अधिकारियों के आने की सूचना होते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

गया: जी हां, यह सच है. जादू देखना है, वह भी मुफ्त में, तो गया जंकशन आइये. लेकिन, पहले पता कर लें. रेलवे के कोई वरीय पदाधिकारी आनेवाले हैं या नहीं. यहां अधिकारियों के आने के पहले व जाने के बाद ही जादू होता है.

वह भी छोटा-मोटा नहीं. अधिकारियों के आने की सूचना होते ही यहां से एक साथ 20 से 25 दुकानें गायब हो जाती हैं. उनके जाने के बाद अचानक ये दुकानें फिर से यहां पर काबिज भी हो जाती हैं. इसी दौरान यहां पर एक और जादू होता है. दुकानों के जैसे ही, गंदगी भी अचानक गायब व प्रकट हो जाती है. है न जादू का कमाल. आपने छोटा-मोटा जादू तो कई बार देखा होगा. लेकिन, इतना बड़ा नहीं.

कौन है जादूगर?
अब आप यह सोच रहे होंगे कि इतना बड़ा जादू आखिर करता कौन है? प्रश्न उठना लाजिमी है. अब तो यह यक्ष प्रश्न बन गया है. हर कोई ऐसे जादूगर को देखना व जानना चाहता है. लेकिन, विडंबना यह कि इसके जादूगर का पता अब तक नहीं चल सका है. लेकिन, यह बात सोलह आने सच है कि इसके गवाह जंकशन पर काम करनेवाले अधिकारियों से लेकर छोटे-छोटे कर्मचारी व यात्री सभी बनते हैं.

कौन करवाता है कृपा
अब ये लोग इसके जादूगर का पता क्यों नहीं लगाते. संवेदनहीन हो गये लगते हैं. अगर संवेदना होती, तो इतने बड़े जादूगर का पता लगाने की छटपटाहट इनमें जरूर होती. हालांकि, कुछ लोगों के अनुसार, उन पर लक्ष्मी माता की कृपा है. ये कृपा ऐसी है कि अधिकारी व सुरक्षाकर्मी इसके सामने नतमस्तक हो जाते हैं.

मां लक्ष्मी की कृपा होते ही उनकी इस जादू के प्रति चिंता समाप्त हो जाती है. इस कारण वे दूसरे कामों में लग जाते हैं. आखिर, उनके पास जंकशन के अन्य कामों की जिम्मेवारियों का बोझ भी तो है. हां, उन कामों के प्रति वे कितने संवेदनशील हैं, यह तो इस जादू को देखने के बाद अधिकतर शहरवासी व यात्री भी समझते ही होंगे.

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