पिछले 10 सालों में इस बीमारी से 367 बच्चों की जा चुकी है जान

गया : खेतों में धान के पौधे की रोपाई के बाद अब किसानों को पौधे के बढ़ने का इंतजार है. इससे किसान व मजदूर का परिवार डरा भी है. कारण है जापानी इंसेफ्लाइटिस. धान के बढ़ते पौधे में ही पनपते हैं. खेतों में बारिश के बाद पानी का ठहराव उनके लिए प्रजनन की जगह बनता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2018 4:59 AM

गया : खेतों में धान के पौधे की रोपाई के बाद अब किसानों को पौधे के बढ़ने का इंतजार है. इससे किसान व मजदूर का परिवार डरा भी है. कारण है जापानी इंसेफ्लाइटिस. धान के बढ़ते पौधे में ही पनपते हैं. खेतों में बारिश के बाद पानी का ठहराव उनके लिए प्रजनन की जगह बनता है. ये मच्छर सुअर व दूसरे जानवरों के शरीर से होते इंसान तक पहुंचते हैं और जापानी इंसेफ्लाइटिस का कारण बनते हैं. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की एक रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है.

रिपोर्ट में कहा गया कि धान के खेतों में पनपने वाले मच्छर जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी फैलाते हैं. मगध मेडिकल काॅलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ रविंद्र कुमार भी इससे सहमत हैं. गौरतलब है कि बीते दस सालों में 367 बच्चों की जान इस बीमारी की वजह से गयी है. बारिश शुरू होने के बाद ही इसका खतरा बढ़ने लगता है.

सितंबर के बाद से मिलेंगे मामले
जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले सितंबर के बाद आने लगेंगे. यह संभावना चिकित्सक जता रहे हैं. चिकित्सकों के मुताबिक बारिश के दौरान मच्छरों के पनपने की गुंजाइश नहीं होती. सावन खत्म होने के बाद खेतों में पानी का ठहराव हो जायेगा. धान के पौधे भी बड़े होने लगेंगे. इसके बाद बच्चे बीमार होंगे. चिकित्सक भी इस बात से परेशान हैं कि अभी तक इस जानलेवा बीमारी को रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं हो सका है. केवल लोगों को सतर्क कर ही बच्चों की जान बचाने की कोशिश की जाती रही है.

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