ओडीएफ के मामले में हर तरफ से हो रही लापरवाही

शहर को साफ-सुंदर बनाने की होती है बात पर नहीं होता जमीनी स्तर पर काम गया : शहर को साफ-सुंदर बनाने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है लेकिन, जमीन स्तर पर काम करने में हर स्तर पर लापरवाही सामने दिखती है. निगम क्षेत्र के 53 वार्डों को ओडीएफ करने के लिए तीन वर्षों से काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2018 4:43 AM

शहर को साफ-सुंदर बनाने की होती है बात पर नहीं होता जमीनी स्तर पर काम

गया : शहर को साफ-सुंदर बनाने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती है लेकिन, जमीन स्तर पर काम करने में हर स्तर पर लापरवाही सामने दिखती है. निगम क्षेत्र के 53 वार्डों को ओडीएफ करने के लिए तीन वर्षों से काम किये जा रहे हैं लेकिन, अबतक सभी के घरों में व्यक्तिगत शौचालय बनाने में निगम के कर्मचारी सफल नहीं हो सके हैं. नोडल पदाधिकारी हर बैठक में सिर्फ काम चलते रहने की बात कहते हैं.
शहर के 13 हजार से अधिक घरों में शौचालय बनवाने के लिए निगम में आवेदन दिये गये थे. इसमें लगभग आठ हजार घरों में शौचालय बनाने के लिए भुगतान किये गये हैं. इसके साथ ही शहर में सामुदायिक शौचालय व यूरिनल बनाने का काम अबतक शुरू नहीं किया गया है. बोर्ड व स्टैंडिंग की बैठक में अधिकारी सिर्फ कर्मचारियों को दिशा-निर्देश ही देते दिखते हैं.
हर बार सामुदायिक शौचालय व यूरिनल बनाने का आदेश इंजीनियर को दिया जाता है. बैठक में मेयर वीरेंद्र कुमार व नगर आयुक्त डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा साफ कहते हैं कि व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालय व यूरिनल बनाने के लिए पैसों की कमी नहीं है. इसके लिए सरकार ने एक अलग से अकाउंट खोल कर पैसा दे रखा है.
इधर मेयर का कहना है कि ओडीएफ बनाने के लिए सामाजिक आंदोलन के तहत काम करने की जरूरत है. हर वर्ग के लोगों का साथ मिलेगा तब ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version