गया : बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तीपुर स्थित प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में असम के देहाती क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाने के नाम पर भिक्षु द्वारा दुराचार और अनैतिक कार्य करने के मामले में पीड़ित बच्चों का आज गुरुवार को अदालत में बयान दर्ज कराया जायेगा. सिटी एसपी अनिल कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों, पुलिस पदाधिकारी और बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी को असम भवन भेजा गया है. साथ ही बच्चों से पूछताछ करने के साथ घटन के संबंध में जानकारी ली जा रही है. वहीं, संस्था के संचालक को बोधगया से गिरफ्तार कर लिया गया है.
प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर के प्रभारी भंते संघ प्रिय के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. बोधगया थानाध्यक्ष शिवकुमार महतो ने बताया कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिये गये भंते को बुधवार रात ही गिरफ्तार कर लिया गया. आज गुरुवार को भंते को भी अदालत में पेश किया जायेगा. थानाध्यक्ष महतो ने बताया कि प्रज्ञा ज्योति नामक संस्थान से जुड़े अन्य बौद्ध भिक्षुओं के बारे में पड़ताल की जा रही है.
क्या है मामला
असम प्रदेश के करवीआलांग जिले के बालमफाड़ थानाक्षेत्र के डीफू और मंगलधाम गांव निवासी छह से 13 साल तक की उम्र के बच्चे गया जिले के बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तीपुर स्थित प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पढ़ाई करते हैं. इन बच्चों के साथ दुराचार, अनैतिक कार्य, मारपीट और भोजन नहीं दिये जाने का मामला सामने आया है. संस्था में नाबालिग बच्चों के साथ दुराचार किये जाने का मामला संज्ञान में आते ही जिले के आला अधिकारी हरकत में आ गये.
कैसे उजागर हुआ मामला
संस्था में संचालक द्वारा बच्चों के साथ अनैतिक कार्य और दुराचार करने की जानकारी उससमय हुई जब मुंबई में रहनेवाले एक भंते ने संस्था में पढ़नेवाले बच्चे के परिजनों को दी. इसके बाद बोधगया से बच्चों को लेकर गया में असम भवन पहुंचे परिजनों में अरुण विकास चकमा ने बताया कि मुंबई के भंते से जानकारी मिली कि बोधगया में बच्चे बहुत दिक्कत में हैं. इसके बाद बच्चों के परिजन यहां पहुंच कर संस्था के संचालक भंते संघ प्रिय से मिले. साथ ही बच्चों को घर ले जाने की बात कही. इसके बाद भंते ने गांव के सभी बच्चों को घर ले जाने को कहा. उन्होंने बताया कि गांव के 15 बच्चों को लेकर गया-कामाख्या एक्सप्रेस पकड़ कर गांव जाने के लिए गया स्टेशन पहुंचे. लेकिन, गाड़ी छूट जाने पर असम भवन में रात गुजारने के लिए पहुंचे. उन्होंने बताया कि बच्चों ने बताया कि कमरे में उन्हें नंगा कर डांस कराया जाता था. संस्था के संचालक भी खुद नंगे रहते थे. बच्चों द्वारा ऐसा नहीं करने पर मारपीट कर खाना नहीं दिया जाता था. कुछ बच्चों ने जानकारी दी कि उनलोगों को कोलकाता भी ले जाया जाता था. बच्चों ने बताया कि पढ़ाई के नाम पर संस्था में गुरुजी हमलोगों के साथ मारपीट और अनैतिक कार्य कराते थे. रात में बच्चों को नंगा कर डांस करने के लिए मजबूर करते थे.
उठ रहे सवाल
असम के बाल भिक्षुओं के साथ संस्था के प्रभारी द्वारा किये जा रहे अनैतिक कार्यों का खुलासा होने के बाद बौद्ध मठों पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गये हैं. लोगों में चर्चा शुरू हो गयी है कि बोधगया स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों में रहनेवाले बौद्ध भिक्षुओं द्वारा धर्म-कर्म की आड़ में घिनौना काम किया जा रहा है. पिछले दिनों ही हाइकोर्ट ने सरकार से बोधगया स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों के कार्यकलापों और निर्माण आदि गैरकानूनी कार्यों की जानकारी मांगी थी. लोगों ने बौद्ध मठों के व्यवसायीकरण पर तो सवाल पहले से ही उठाते रहे हैं, अब मठों के अंदर अनैतिक कार्यों का भी खुलासा होने लगा है. अब यह पता लगाया जा रहा है कि इस तरह का खेल कब से चल रहा है. बहरहाल, बुद्ध की ज्ञान स्थली पर स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों व बुद्ध के उपदेशों के प्रचारक और अहिंसा के पुजारी कहे जानेवाले भिक्षुओं द्वारा बच्चों के साथ ऐसे कृत्य भी किये जा रहे हैं. इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा दूसरे बौद्ध मठों की स्कैनिंग की योजना भी तैयार की जा रही है.