गया: एक जून से गया, मानपुर व बोधगया क्षेत्रों में इंडिया पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइपीसीएल) द्वारा बिजली व्यवस्था की पूरी जिम्मेवारी संभालने के बाद इन क्षेत्रों में काम करने वाले 265 सरकारी कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं रह गया है.
जहां सरकारी कर्मचारी बैठते थे, उनमें से अधिकतर कार्यालयों में आइपीसीएल के अधिकारी व कर्मचारी बैठ रहे हैं. फिलहाल जहां सरकारी कर्मचारियों के बैठने के लिए जगह बचा है, वहां भी इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई देते हैं. अधिकतर कर्मचारी अपने ट्रांसफर को लेकर रणनीति बनाने व सरकार पर दबाव डालने के लिए बैठकें करते रहते हैं. काम न होने के संबंध में पूछे जाने पर एक कर्मचारी ने कहा, ‘क्या बताया जाये, हम लोग बस रो ही नहीं रहे हैं. काम तो है नहीं और अब तक ट्रांसफर को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. जितना जल्द ट्रांसफर कर दिया जाये, उतना ही अच्छा है. लेकिन, ट्रांसफर लोकल स्तर पर होना चाहिए. हमारी सुविधाओं का भी ध्यान रखना चाहिए.’
बिहार बिजली मजदूर यूनियन के महासचिव अजरुन प्रसाद यादव ने बताया कि सरकार ने आइपीसीएल को बिजली की कमान सौंपने से पहले सरकारी कर्मचारियों के हितों को तरजीह नहीं दी. अब हम लोग चाहते हैं कि सभी कर्मचारी का लोकल स्तर पर ट्रांसफर हो.
गौरतलब है कि एक जून से गया, मानपुर व बोधगया क्षेत्रों में आइपीसीएल ने बिजली व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी संभाल ली है. बिलिंग, मेनटेनेंस व आपूर्ति समेत सभी तरह के काम कंपनी के कर्मचारी कर रहे हैं. आइपीसीएल के सीइओ सिद्धार्थ मेहता ने एक जून को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनके पास पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मचारी हैं. उन्हें सरकारी कर्मचारियों की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि, 29 मई को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) के चेयरमैन सह एमडी संदीप पैंड्रिक ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा था कि गया व बोधगया क्षेत्रों में काम करने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का आइपीसीएल के कामकाज संभालने के बाद ट्रांसफर किया जायेगा. लेकिन, जब तक कंपनी चाहे काम ले सकती है.