चढ़ते पारे से बोधगया में पर्यटक ठिठके

बोधगया: सूरज की गरमी के सातवें आसमान पर चढ़ते ही बोधगया आनेवाले सैलानियों की संख्या काफी कम हो गयी है. पारा के बढ़ते क्रम ने महाबोधि मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के क्रम को घटा दिया है. विदेशी पर्यटकों की संख्या बोधगया में नाममात्र का ही रह गयी है. इसका पता महाबोधि मंदिर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2014 10:29 AM

बोधगया: सूरज की गरमी के सातवें आसमान पर चढ़ते ही बोधगया आनेवाले सैलानियों की संख्या काफी कम हो गयी है. पारा के बढ़ते क्रम ने महाबोधि मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के क्रम को घटा दिया है. विदेशी पर्यटकों की संख्या बोधगया में नाममात्र का ही रह गयी है. इसका पता महाबोधि मंदिर में प्रवेश करने से पहले उपलब्ध करायी जा रही नि:शुल्क प्रवेश टिकटों की संख्या से चल रहा है.

शरीर को झुलसा देनेवाली तपिश के कारण जहां कामकाजी लोग घरों व दफ्तरों में दुबके रह रहे हैं, वहीं भारत भ्रमण के क्रम में बोधगया आनेवाले सैलानी भी यहां आने से परहेज कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इस वक्त समूचे भारत में गरमी परवान पर है.

गया तो ऐसे भी भीषण गरमी के लिए जाना जाता है. फिलहाल यहां का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है. इस बीच भारत दर्शन को आये विदेशी सैलानियों के सामने गरमी एक मुसीबत बन कर खड़ी हो गयी है. सैलानी होटलों के कमरों से बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रहे हैं.

यों कहे कि वर्तमान में पर्यटकों की संख्या दहाई अंकों में सिमट गयी है. इससे कहीं-न-कहीं पर्यटन पर आश्रित व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है. जून में महाबोधि मंदिर का दर्शन करनेवाले मुख्य रूप से विदेशी सैलानी व श्रद्धालुओं के आंकड़े पर गौर करें, तो यह काफी निराश करनेवाला है. बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) द्वारा मंदिर में प्रवेश से पहले दिये जानेवाले टिकट के अनुसार, जून में दर्शनार्थियों की संख्या में काफी गिरावट देखी जा रही है. बीटीएमसी के पीआरओ जगलाल मिश्र ने बताया कि इस साल गरमी कुछ ज्यादा है. इस कारण गत वर्षो की अपेक्षा सैलानी भी काफी कम देखे जा रहे हैं.

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