मुहल्लों में घूम रहे डेंगू के मच्छर, डाॅक्टर की सलाह बुखार हो, तो डेंगू की जांच जरूर कराएं

गया : डेंगू का बुखार इन दिनों शहर में तेजी के साथ फैल रहा है. शहर के प्राइवेट अस्पतालों में अलग-अलग मुहल्लों से डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. बीते दस दिनों के रिकाॅर्ड के मुताबिक कुछेक चुनिंदा प्राइवेट अस्पतालों में 30 से अधिक मामले पहुंचे हैं. चिकित्सकों की मानें ताे इस बार गांवों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2018 6:42 AM
गया : डेंगू का बुखार इन दिनों शहर में तेजी के साथ फैल रहा है. शहर के प्राइवेट अस्पतालों में अलग-अलग मुहल्लों से डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. बीते दस दिनों के रिकाॅर्ड के मुताबिक कुछेक चुनिंदा प्राइवेट अस्पतालों में 30 से अधिक मामले पहुंचे हैं. चिकित्सकों की मानें ताे इस बार गांवों से डेंगू के मामले कम आ रहे हैं. शहर में मरीज अधिक हैं.
इसके पीछे कम बारिश होना भी एक कारण बताया जा रहा है. चिकित्सकों के मुताबिक बारिश के बाद ग्रामीण इलाकों में जल जमाव होता है, इसमें ही मच्छरों का प्रजनन होता है जो कि डेंगू,मलेरिया, चिकनगुनिया के कारण बन जाते हैं. शहर में भी यही स्थिति होती है लेकिन, एक दूसरा पहलू यह भी है कि ग्रामीण इलाकों से शहर में गंदगी अधिक होती है.
ऐसे में बारिश का पानी जमा हो या न हो मच्छर जाम पड़ी नालियों और कचरों में प्रजनन कर लेते हैं. यही कारण है कि इस बार शहर में मामले अधिक मिल रहे हैं. अस्पतालों से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के चौक, तुतबाड़ी, बैरागी, भट बिगहा, गांगो बिगहा,चंदौती के इलाकों में डेंगू के मरीज अधिक मिल रहे हैं.
वजीरगंज में फैली थी महामारी : बीते साल वजीरगंज प्रखंड में डेंगू महामारी के रूप में फैली थी. इलाके के लोगों के मुताबिक 15 दिनों में 500 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गये थे. शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में उनका इलाज कराया गया था.
शुरुआती दौर में तो सरकारी तंत्र आंख मूंदे बैठा था, बाद में मीडिया में खबरें आने के बाद डेंगू को कंट्रोल करने की कोशिश शुरू हुई. शहर के चिकित्सकों के मुताबिक इस बार शहर में अब तक जिस तरह की स्थिति दिख रही है,वह कंट्रोल में नहीं आया तो वजीरगंज से ज्यादा खराब हालात हो जायेंगे.
मादा मच्छर के काटने से होता है डेंगू
डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर के शरीर में चीते जैसी धारियां होती हैं. यह मच्छर दिन में खास कर सुबह काटते हैं. जुलाई से लेकर अक्तूबर के बीच डेंगू के मामले पाये जाते हैं, क्यों कि इस दौरान ही मच्छरों का प्रजनन होता है. खास बात यह कि डेंगू के मच्छर ज्यादातर जमीन पर पाये जाते हैं क्यों कि इनमें उड़ने की अधिक क्षमता नहीं होती. यह मच्छर साफ पानी में पाये जाते हैं.
डेंगू से बचाव
डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि अपने घर के आस-पास सफाई रखी जाये. पानी को जमा नहीं होना देना है. ध्यान देने वाली बात यह है कि मादा एडीज मच्छर साफ पानी में ही पनपता है. कूलर व पक्षियों के पीने वाले बरतन को साफ रखना बहुत जरूरी है. रात में मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करना चाहिए.
बाहर भी शरीर ढके कपड़े पहन कर निकलना चाहिए ताकि मच्छर न काट सके. डेंगू के दौरान ब्लड सेल्स की मात्रा कम होना खतरनाक हो सकता है. इसलिए डेंगू के दौरान तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए. यही कारण है कि डाॅक्टर दवाओं के साथ-साथ पानी भी अधिक पीने की सलाह देते हैं.
एंटीबायोटिक हो सकता है खतरनाक
अक्सर यह देखा गया है कि किसी भी प्रकार के बुखार में लोग एंटीबायोटिक दवाएं ले लेतें हैं. डेंगू के केस में यह खतरनाक साबित हो सकता है. यह ध्यान रखना है कि किसी भी स्थिति में एंटीबायोटिक नहीं लेना है. बुखार हो तो पहले जांच कराएं कि डेंगू है या नहीं. बिना जांचे एंटीबायोटिक लेने से शरीर का प्लेटलेट कम हो सकता है,जो कि जानलेवा साबित हो जायेगा.
डेंगू एक फैलने वाली बीमारी है. इसलिए सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें. खास कर डेंगू के मरीजों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है,क्योंकि उनके शरीर से ही यह बीमारी दूसरे में फैलेगी. डेंगू के मरीज पानी का खूब सेवन करें और विशेषज्ञ डाॅक्टर के संपर्क में रहें.
डाॅ नीरज कुमार, चिकित्सक
सभी सरकारी अस्पतालों में बेड रिजर्व रखा गया है. इसके अलावा सभी जगहों पर जांच के साधन उपलब्ध हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर लोग सरकारी अस्पताल में संपर्क करें. डेंगू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, बस सचेत रहें. इस साल अब तक 11 मामले डेंगू के आये हैं जो सरकारी रिकाॅर्ड में हैं.
डॉ एमइ हक, जिला मलेरिया पदाधिकारी
शहर में वार्डों के मुहल्लों में फागिंग करायी जा रही है. इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हमारे पास चार फाॅगिंग मशीनें हैं, इनमें दो खराब है. शेष दो से शहर में फाॅगिंग करायी जा रही है.
डाॅ ईश्वर चंद्र शर्मा,नगर आयुक्त.

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