बोधगया : बदलेगी महाबोधि मंदिर की प्रकाश व्यवस्था, 40 % कम होगी खपत
करीब 10 करोड़ की लागत से होगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रकाश व्यवस्था बोधगया : विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर की प्रकाश व्यवस्था अब बदल दी जायेगी. इससे वर्तमान में खपत हो रही बिजली की तुलना में 40-42 प्रतिशत बिजली की खपत कम हो जोगी. हालांकि, परिसर में प्रकाश का दायरा और भी बढ़ जायेगा. विश्व […]
करीब 10 करोड़ की लागत से होगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रकाश व्यवस्था
बोधगया : विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर की प्रकाश व्यवस्था अब बदल दी जायेगी. इससे वर्तमान में खपत हो रही बिजली की तुलना में 40-42 प्रतिशत बिजली की खपत कम हो जोगी. हालांकि, परिसर में प्रकाश का दायरा और भी बढ़ जायेगा. विश्व धरोहर होने के नाते यूनेस्को के दिशा-निर्देश के अनुरूप ही यहां लाइटिंग की जायेगी और इस पर आठ से 10 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसमें बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी (बीटीएमसी) को एक रुपये भी खर्च नहीं करना पड़ेगा और इसका सारा खर्च हिमाचल प्रदेश की एक संस्था सिद्धार्थ इंडेंट इंडिया व उत्तराखंड की वाना नामक संस्था द्वारा किया जायेगा.
शनिवार को बीटीएमसी कार्यालय में लाइटिंग को लेकर डीएम सह बीटीएमसी के पदेन अध्यक्ष अभिषेक सिंह व संस्था के डायरेक्टर वीर सिंह व प्रशांत वर्मा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. डीएम ने बताया कि मंदिर परिसर में नयी प्रकाश-व्यवस्था के तहत पुराने केबल को भी बदला जायेगा व बैंकॉक की टेक्निकल एजेंसी बी-लिट लाइटिंग के परामर्श से विभिन्न रंगों की लाइटें लगायी जायेंगी. कुछ लाइटों को ऑटोमेटिक सिस्टम से जोड़ा जायेगा, जो निर्धारित समय पर जलेगा व बंद होगा. उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 तक पहला चरण पूरा किया जायेगा व मार्च 2020 तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा.
डीएम ने बताया कि नयी व्यवस्था के तहत मंदिर परिसर के चप्पे-चप्पे में प्रकाश रहेगी और विभिन्न पूजा समारोहों के वक्त भी अलग तरह की लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी. संस्था के डायरेक्टर ने बताया कि मंदिर परिसर में वर्तमान में लगी लाइटों की संख्या तो घट जायेगी, लेकिन प्रकाश बढ़ जायेगा. इससे 40 से 42 प्रतिशत तक बिजली की खपत कम हो जायेगी. लाइटिंग पर किये जा रहे खर्च पूरी तरह दान स्वरूप होगा व इसके लिए बीटीएमसी से पैसे नहीं लिये जायेंगे.
हालांकि, मेंटेनेंस के लिए बीटीएमसी के साथ विमर्श किया जायेगा. एमओयू के मौके पर बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे, सदस्य डॉ अरविंद सिंह, महाश्वेता महारथी, महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा, केयर टेकर भिक्खु दीनानंद व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार मौजूद थे.