गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राजगीर में गुरु नानक शीतल कुंड गुरुद्वारे काईंट रखकर और शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया. राजगीर के हॉकी ग्राउंड हेलीपैड से सीधे शीतल कुंड गुरुद्वारा पहुंचकर मुख्यमंत्री ने मत्था टेका. शिलान्यास के मौके पर शीतल कुंड प्रांगण में आयोजित समारोह में सिख संगत ने मुख्यमंत्री को पुष्प–गुच्छ व सरोपा भेंटकर उनका स्वागत किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुद्वारा श्री गुरुनानक शीतल कुंड राजगीर का शिलान्यास हो गया है, इससे मुझे बेहद खुशी है. राजगीर में अलग–अलग समय में सभी धर्मों के महापुरुषों का आगमन हुआ है. यह अद्भुत जगह है. इस जगह की ऐतिहासिक और पौराणिक रुप से भी काफी महत्ता है. उन्होंने कहा कि मगध साम्राज्य की पहली राजधानी राजगीर ही थी जो पंच पर्वत से घिरा हुआ है. प्रारंभ से ही इस जगह का काफी महत्व रहा है. यहां बिम्बिसार भी राजा बने.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने कार्यभार संभाला तब राजगीर में 7 दिनों तक रहकर यहां की एक–एक चीज को मैंने देखा. शीतल कुंड और पांडु पोखर काफी जीर्ण–शीर्ण अवस्था में था, जिसे दुरुस्त किया गया. उसी समय हमने यह भी तय किया था कि शीतल कुंड के पास गुरुद्वारा ठीक ढंग से बनना चाहिए. उसके बाद जब गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का 350वां प्रकाश पर्व मनाया गया उसमें भी हमने बाबा मोहिंदर सिंह जी से इस बारे में चर्चा की ताकि यहां नये ढंग से गुरुद्वारा बन जाय. उन्होंने कहा कि पर्वत के नीचे यह जगह संरक्षित है इसलिए अनुमति लेने के बाद यह काम प्रारंभ किया गया. उन्होंने कहा कि इसी वर्ष 12 नवंबर को यहां गुरुनानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जायेगा इसलिए हमारी इच्छा है कि प्रकाश उत्सव से पहले यह बनकर तैयार हो जाये. बिहार सरकार ने 12 नवंबर को राजकीय अवकाश की घोषणा कर दी है और जितना संभव होगा सरकार इसमें मदद भी करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 352वें प्रकाश पर्व पर जो भी संभव हो सका है पटना साहिब के बाल लीला और कंगन घाट पर तैयारी की गयी है. उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी महाराज तक से संबंधित जो भी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, उन सबसे लोग अवगत हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने प्रकाश पुंज का निर्माण कराना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म पटना साहिब (बिहार) में हुआ यह हम सभी के लिए काफी गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि जो हम सेवा कर रहे हैं, वह हमारा परम कर्तव्य है इसके लिए मेरी सराहना करने की कोई आवश्यकता नहीं है. गुरु ने हमें फर्ज का एहसास कराया और ऐसे में सेवा करना हमारा दायित्व है.