गया : बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया के कालचक्र मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि बौद्ध महोत्सव का आयोजन मात्र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संदेश है. उन्होंने बुद्ध के विचार व उपदेश का हवाला देते हुए कहा कि बुद्ध ने प्रेम, शांति व अहिंसा का संदेश दिया था. आज हम देश, दुनिया व समाज में टकराव का माहौल देख रहे हैं. इससे विकास संभव नहीं होगा. हमें विकास के लिए बुद्ध के भाईचारे व प्रेम का भाव अपने अंदर रखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में बन रहे टकराव के माहौल से छुटकारा दिलाना होगा, तभी पृथ्वी को बचाया जा सकता है. जब तक पर्यावरण और अपने स्वभाव पर ध्यान नहीं देंगे, इस तरह से स्वभाव में टकराव का माहौल रहेगा, तो बहुत आगे तक नहीं चल सकेंगे. नालंदा विवि के निर्माण में कंप्लीट रिजाॅल्यूशन सेंटर का निर्माण होना चाहिए. दुनिया में जितने प्रकार के मतभेद हैं, उसे दूर करने के लिए वहां सेंटर बनना चाहिए. बुद्ध के विचार पर चर्चा करें और उसके वैज्ञानिक पहलू पर चर्चार करेंगे, तो विवादों का निदान संभव है. सभी धर्मों के प्रति हमारे मन में समभाव का माहौल होना चाहिए.
महोत्सव को दिया जा रहा अंतरराष्ट्रीय स्वरूप
सीएम ने कहा कि बौद्ध महोत्सव के आयोजन के पूर्व के वर्षों में भी मैं भाग लेता रहा हूं. हर साल फरवरी में आयोजन होता था. पिछले साल मैंने एक सुझाव दिया था कि पूजा अवधि में इसका आयोजन करें, ताकि श्रद्धालु भी इसका लाभ उठा सकें. निग्मा पूजा के दौरान इसका आयोजन गया है. महाबोधि मंदिर जाने पर जानकारी मिली कि आठ से 10 लाख श्रद्धालु यहां पूजा कर रहे हैं. बौद्ध महोत्सव का आयोजन है. यह सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है. इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान की जा रही है.