महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में जल्द ही खड़ी होगी शीशे की दीवार
वरीय संवाददाता @ बोधगया विश्व धरोहर बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को और चाक-चौबंद बनाने के निमित्त जल्द ही अब इंट्री प्वाइंट पर शीशे की दीवार खड़ी कर दी जायेगी. यह बीटीएमसी कार्यालय के पास स्थित डीएफएमडी चेकिंग प्वाइंट से लेकर लाल पत्थर पर महाबोधि मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक खड़ी की […]
वरीय संवाददाता @ बोधगया
विश्व धरोहर बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को और चाक-चौबंद बनाने के निमित्त जल्द ही अब इंट्री प्वाइंट पर शीशे की दीवार खड़ी कर दी जायेगी. यह बीटीएमसी कार्यालय के पास स्थित डीएफएमडी चेकिंग प्वाइंट से लेकर लाल पत्थर पर महाबोधि मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक खड़ी की जायेगी. इससे डीएफएमडी की जांच से गुजरने के बाद महाबोधि मंदिर परिसर से बाहर निकलने तक किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क होने की संभावना खत्म हो जायेगी. फिलहाल यह अवरोधक करीब तीन फुट ऊंची ग्रिल की बैरिकेडिंग से की गयी है. इससे डीफएमडी से गुजरनेवाले लोग बैरिकेडिंग के बाहर रहनेवाले लोगों के संपर्क में आसानी से आते रहते हैं और जांच के बाद भी वे बाहरी व्यक्ति से किसी तरह का सामान का लेनदेन कर सकते हैं. इस कारण डीएफएमडी के माध्यम से जांच करने का मुकम्मल रूप से फायदा नहीं हो पाता है. इसके लिए सुरक्षाकर्मियों को हर वक्त चौकस रहना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि महाबोधि मंदिर में आतंकियों द्वारा बम रखे जाने के बाद से यहां की सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गयी है. हर वक्त के लिए यहां बीएमपी के जवानों को तैनात कर दिया गया है. सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के साथ ही मेटल डिटेक्टर और लगेज स्कैनर से जांच के बाद ही अंदर प्रवेश करने की व्यवस्था की गयी है. मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं को मोबाइल फोन के साथ इंट्री पर रोक लगी है.
सात फुट ऊंची होगी दीवार
लाल पत्थर पर डीएफएमडी जांच स्थल से लेकर महाबोधि मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पारदर्शी शीशे की दीवार खड़ी की जायेगी. बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी(बीटीएमसी) द्वारा लगायी जानेवाली दीवार की ऊंचाई सात फुट होगी और आठ एमएम मोटा शीशा होगा. दीवार खड़ी करने के लिए साढ़े-तीन फुट चौड़ाई के अलग-अलग फ्रेम तैयार किया गया है. उसे स्टील के पाइप में फिट किया गया है. हरेक फ्रेम को एक-दूसरे के साथ जोड़ कर दीवार खड़ी की जायेगी. इसके लिए आरसीसी का आधार तैयार किया जायेगा और इसे नट-बोल्ट पर कसा जायेगा. बीटीएमसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, महाबोधि मंदिर में आयोजित विभिन्न बौद्ध संगठनों के पूजा समारोह समाप्त होने पर इसमें काम शुरू किया जायेगा. उम्मीद है कि फरवरी के पहले सप्ताह के बाद शीशे की दीवार खड़ी करने का काम शुरू कर दिया जायेगा. दीवार तैयार करनेवाली एजेंसी ने बीटीएमसी को शीशे से बनी दीवार उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है.