गया : बिहार के गया जिला में दुष्कर्म के एक मामले में सोमवार को अदालत ने अभियुक्त संतोष मांझी को सश्रम कारावास की सजा सुनायी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अशोक कुमार पांडेय की अदालत में मगध विश्वविद्यालय थाना कांड संख्या 35/16 में यह सजा सुनायी. इस मामले के सूचक मगध विश्वविद्यालय थाना निवासी पीड़िता की मां ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी नाबालिग बेटी(उम्र 12 वर्ष) के साथ गांव का ही एक युवक कई सालों से जबरन दुष्कर्म करते चला आ रहा था. बार-बार धमकी देकर वह उसे चुप करा देता था. लेकिन जब मेरी बेटी गर्भवती हुई तो इस बात का खुलासा हुआ. पूछताछ करने पर उसने सारी बात बतायी.
सोमवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान जब अदालत ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बचाव के बिंदु पर बोलने को कहा तो उन्होंने कहा कि अभियुक्त की उम्र कम है, इसलिए इसे कम सजा दी जाये. वहीं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि लड़की की उम्र कम है, इसलिए दोषी को अधिक-से-अधिक सजा दी जाये. इस मामले में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद धारा 376 व 4 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष व 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन व बचाव पक्ष की ओर से विनोद कुमार ने बहस किया. इस मामले में अदालत ने अभियुक्त को पिछले 21 जनवरी को दोषी ठहराया था.