गया : नगर निगम के कर्मचारी बुधवार को अचानक हड़ताल पर चले गये. ड्राइवरों ने निगम स्टोर से गाड़ियां नहीं निकालीं. दरअसल कर्मचारियों के बीच यह सूचना फैला दी गयी थी कि फरवरी में नगर आयुक्त रिटायर्ड कर जायेंगे और उनका वेतन नहीं मिलेगा. इससे कर्मचारियों में रोष था.
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गया : वेतन नहीं मिलने की अफवाह पर नगर निगम के कर्मचारियों ने चार घंटे तक बंद रखा काम
गया : नगर निगम के कर्मचारी बुधवार को अचानक हड़ताल पर चले गये. ड्राइवरों ने निगम स्टोर से गाड़ियां नहीं निकालीं. दरअसल कर्मचारियों के बीच यह सूचना फैला दी गयी थी कि फरवरी में नगर आयुक्त रिटायर्ड कर जायेंगे और उनका वेतन नहीं मिलेगा. इससे कर्मचारियों में रोष था. इधर, काम बंद करने की सूचना […]
इधर, काम बंद करने की सूचना पर पहुंचे मेयर वीरेंद्र कुमार, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव व नगर आयुक्त डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा निगम ने हड़ताल का कारण जानना चाहा. इस दौरान सही कारण किसी ने नहीं बताया, पर यह बात सामने आयी कि वेतन भुगतान में हो रहे विलंब के कारण काम बंद किया गया है. साथ ही पता चला कि एक ड्राइवर को दो जगहों से कई माह से वेतन मिल रहा है.
इस पर डिप्टी मेयर ने कहा कि निगम में काम कर रहे ड्राइवरों को वेतन जल्द दिया जायेगा. लेकिन, किसी को दो जगह से पेमेंट नहीं दिया जा सकता है. करीब चार घंटे बाद निगम प्रशासन के आश्वासन पर कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी. इस दौरान कर्मचारी नेता ने भी हड़ताल की पहले से जानकारी होने की बात से इन्कार किया.
दो जगहों से एक कर्मचारी के पेमेंट का मामला आया सामने : निगम में सिटी मैनेजर के लिए किराये पर ली गयी गाड़ी का ड्राइवर भी निगम से दिया गया था, जबकि निगम ने किराये पर गाड़ी देनेवाली कंपनी से ड्राइवर के साथ गाड़ी देने का एग्रीमेंट कर रखा है. इसके बाद भी गाड़ी चला रहे मोहम्मद नजमूल को पेमेंट दिया जा रह था. निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह सिलसिला कई माह से चल रहा था.
मामला कुछ अधिकारियों के पास तब पहुंचा जब सफाई की जिम्मेदारी फेरबदल कर अन्य अधिकारियों के पास दी गयी. पता चला कि एक ही ड्राइवर प्राइवेट कंपनी व उसी गाड़ी को चलाने के लिए निगम से भी वेतन पा रहा है. इसके बाद उसके वेतन की संचिका पर अधिकारियों ने टिप्पणी कर दी. हालांकि, मामला यह हड़ताल से जुड़ गया. इसलिए सबके सामने आया.
इधर, निगम सूत्रों का कहना है कि वर्तमान नगर आयुक्त फरवरी में रिटायर्ड कर रहे हैं. इसके कारण अंत समय में वे हर तरह के विवाद से बचना चाह रहे हैं. क्योंकि इससे पहले कई मामले सामने आये और उन मामलों में नगर आयुक्त ने महज जांच का आदेश ही दिया. कार्रवाई अब तक नहीं की. इसमें कई माह से ड्यूटी से गायब रहे कर्मचारी के बेटे द्वारा हाजिरी बनाया जाना, कई योजनाओं में अनियमितता आदि शामिल हैं.
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