गया : एसएसपी के आदेश को सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने दिखा दिया ठेंगा

गया : एक कार मालिक सिटी डीएसपी कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी की दबंगई की वजह से पांच दिनों से परेशान है. कार के मालिक की बस इतनी सी है कि उसकी कार से डीएसपी के रीडर की स्कूटी में पांच दिन पूर्व ठोकर लग गयी थी. इस बात से बौखला कर रीडर ने पुलिसिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2019 6:55 AM

गया : एक कार मालिक सिटी डीएसपी कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी की दबंगई की वजह से पांच दिनों से परेशान है. कार के मालिक की बस इतनी सी है कि उसकी कार से डीएसपी के रीडर की स्कूटी में पांच दिन पूर्व ठोकर लग गयी थी. इस बात से बौखला कर रीडर ने पुलिसिया हनक दिखाते हुए उसकी कार को सिविल लाइंस पुलिस की मदद से अवैध तरीके से जब्त कर ली है. हालांकि कार मालिक रीडर की स्कूटी की मरम्मत कराने का भरोसा रीडर को दिया था पर वह एक लाख रुपये की मांग कर रहा है.

केंदुई के रहनेवाले भरत प्रजापति ने बताया कि उसकी कार को इसलिए जब्त कर सिविल लाइंस थाने में रखी गयी है कि आयुक्त कार्यालय में पांच दिन पहले कार को मोड़ते समय रीडर की स्कूटी में ठोकर लग गया था. ठोकर लगते ही सिटी डीएसपी कार्यालय में तैनात कर्मचारी पहुंचे और कार की चाबी छिन कर गाड़ी को सिविल लाइंस थाने पहुंचा दिया.
पूछने पर बताया गया कि चाबी छीनने वाले डीएसपी कार्यालय के रीडर हैं. प्रजापति का कहना है कि वह कई बार उस रीडर से मिल चुके हैं. मिलने के दौरान रीडर को उनकी स्कूटी बनवा देने का आश्वासन दिया है लेकिन, रीडर का कहना है कि गाड़ी का इंजन समेत सभी सामान नया लगवाओ. उसके बाद ही कार मिलेगी. इस मामले की भनक मीडिया कर्मियों को तो लगी तो उन्होंने एसएसपी राजीव मिश्रा से कार जब्त किये जाने की वजह जानना चाहा.
इस पर एसएसपी ने अनभिज्ञता जाहिर की और सिविल लाइंस के थानेदार से बात की. थानेदार ने एसएसपी को बताया कि सिटी डीएसपी का रीडर एक गाड़ी यहां लाया है. कार से संबंधित कोई भी मामला अब तक दर्ज नहीं किया गया है. इस पर एसएसपी ने कहा कि तुरंत ही उस कार को छोड़ दें. साथ ही में उन्होंने यह भी कहा कि मामला किसी से भी जुड़ा हो कानून सबके लिए बराबर है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों ओर से थाने में आवेदन जरूर दिया गया है. अब तक यहां मामला दर्ज नहीं किया गया है. रविवार की देर शाम कार मालिक ने बताया कि वरीय अधिकारी के कहने पर वह थाने पहुंचा पर एसएसपी का आदेश भी कोई काम नहीं आया.रीडर के हनक के आगे एसएसपी का आदेश बौना साबित हो रहा है. सिविल लाइंस की पुलिस वरीय अधिकारियों की बात को दरकिनार करने को आमादा हैं. कार नहीं छोड़ी गयी.

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