बोधगया : विश्वदेवा के कपाट, सिंहासन व मेहराफ बने 23 किलो चांदी से
लगभग नौ लाख की लागत से वाराणसी के कारीगरों ने दो महीने में पूरा किया काम दानदाता ब्रजेंद्र गौतम उर्फ मुन्ना ब्रह्मचारी ने भगवान को समर्पित किया बोधगया : कहा जाता है कि आस्था व भक्ति के समक्ष हर बहुमूल्य चीज या अर्जित चल अचल संपत्ति छोटी पड़ जाती हैं. भक्त की अटूट आस्था ईश्वर […]
लगभग नौ लाख की लागत से वाराणसी के कारीगरों ने दो महीने में पूरा किया काम
दानदाता ब्रजेंद्र गौतम उर्फ मुन्ना ब्रह्मचारी ने भगवान को समर्पित किया
बोधगया : कहा जाता है कि आस्था व भक्ति के समक्ष हर बहुमूल्य चीज या अर्जित चल अचल संपत्ति छोटी पड़ जाती हैं. भक्त की अटूट आस्था ईश्वर का दीवाना बना देता है.
भक्त अपना सब कुछ ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देता है. ऐसा ही कुछ बोधगया स्थित स्मृति गेस्ट हाउस के संचालक ब्रजेंद्र गौतम उर्फ मुन्ना ब्रह्मचारी ने मंगलवार को विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति को चांदी के कपाट, सिंहासन व मेहराफ सुपुर्द कर दिखाया है.
उन्होंने विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में स्थित विश्वदेवा जी के कपाट, सिंहासन व मेहराफ को 23 किलो चांदी से आच्छादित कराया है. खास बात यह है कि ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं बल्कि दूसरी बार किया है. उन्होंने पूर्व में भी माता लक्ष्मी के कपाट व सिंहासन को चांदी से आच्छादित करा कर ईश्वर के प्रति अपने समर्पण भाव को प्रकट किया है.
दान दाता मुन्ना ब्रह्मचारी ने बताया कि विश्वदेवा जी के कपाट, सिंहासन व मेहराफ को चांदी से आच्छादित करने में लगभग नौ लाख रुपये की 23 किलो चांदी का उपयोग किया गया है. इसे वाराणसी के कारीगरों द्वारा दो महीने में तैयार किया गया है.
उन्होंने बताया कि महालक्ष्मी के कपाट और सिंहासन को चांदी से जड़ित करने के बाद मन में विश्वदेवा जी के लिए कुछ करने की इच्छा हुई. इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति से अनुमति मांगी व कार्य को पूरा करने में तन-मन धन से जुट गया. इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष कन्हैया लाल मिश्र ने बताया कि मुन्ना ब्रह्मचारी ने पहले भी गर्भगृह में स्थापित महालक्ष्मी के कपाट व सिंहासन को चांदी से आच्छादित कराया है.
उनके द्वारा ऐसा किया जाना ईश्वर के प्रति अटूट भक्ति दर्शाता है. इस अवसर पर मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक, महेश लाल गुपुत, शंभु लाल बिट्ठल, डॉ मधु व अन्य मौजूद थे.