बोधगया हाट : दुकानें बनीं पर दुकानदार नदारद

नोड वन स्थित कुछ दुकानों तक पहुंचे दुकानदार, पर नोड टू की दुकानें रह गयीं खाली बोधगया का सौंदर्यीकरण के साथ ही विस्तार देने के निमित्त बनाया गया था बोधगया हाट बोधगया : बोधगया का सौंदर्यीकरण के साथ ही विस्तार देने के निमित्त बोधगया के दो इंट्री मार्गों पर बनाये गये बोधगया हाट औचित्य विहीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2019 3:19 AM

नोड वन स्थित कुछ दुकानों तक पहुंचे दुकानदार, पर नोड टू की दुकानें रह गयीं खाली

बोधगया का सौंदर्यीकरण के साथ ही विस्तार देने के निमित्त बनाया गया था बोधगया हाट
बोधगया : बोधगया का सौंदर्यीकरण के साथ ही विस्तार देने के निमित्त बोधगया के दो इंट्री मार्गों पर बनाये गये बोधगया हाट औचित्य विहीन होता जा रहा है. साथ ही देखरेख के अभाव में बरबाद हो रहा है. बोधगया-दोमुहान रोड में बने नोड वन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (बोधगया हाट) में कुल 142 दुकानें बनायी गयी है, जबकि बोधगया-गया रिवर साइड रोड में डहरिया बिगहा के पास नोड टू शाॅपिंग कॉम्प्लेक्स में पार्किंग सहित कुल 70 दुकानें बनायी गयी है.
बिहार पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किया गया बोधगया हाट का उद्घाटन जनवरी 2010 में सीएम नीतीश कुमार ने किया था. उद्घाटन के बाद यहां दुकानदारों को आमंत्रित किया गया था, पर महाबोधि मंदिर से दूर होने के कारण दुकानदारों ने इसके प्रति दिलचस्पी नहीं दिखाई.
बाद में जब सात जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर परिसर में आतंकियों द्वारा बम विस्फोट किया गया और महाबोधि मंदिर की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे, तब मंदिर के पास वाली दुकानों को तोड़ कर दुकानदारों को नोड वन व नोड टू में शिफ्ट होने को कहा गया. अपने कारोबार को जिंदा रखने की गरज से कुछ दुकानदार नोड वन में दुकानें लीं.
लेकिन, नोड टू की दूरी ज्यादा होने व यात्रियों की आवाजाही नहीं होने के कारण दुकानदारों ने नोड टू के प्रति जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा नोड वन व नोड टू को विकसित करने व यहां यात्रियों की आवाजाही बढ़ाने का प्रयास करने का आश्वासन भी दुकानदारों को दिया गया था लेकिन, मुख्य रूप से नोड वन परिसर में दुकानदारी की संभावनाएं कम होने के कारण सन्नाटा पसरा रहता है व यहां गुलजार होने की जगह केवल दुकानदार ही नजर आते हैं.

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