गया : मां ने सुनायी अपनी व्यथा, सिंदूर लगाती हूं, सिर्फ बच्चों की तसल्ली के लिए

जितेंद्र मिश्र गया : सिंदूर लगाती हूं, सिर्फ बच्चों की तसल्ली के लिए. पति के अपहरण हुए 11 माह से अधिक गुजर गये. पुलिस के दरबार में जाते-जाते थक चुकी हूं. लेकिन, हर जगह से निराशा ही हाथ लगी है. यह कहना है चंदौती थाने के अपहृत एसपीओ चंदन कुमार सिन्हा की पत्नी रंजीता कुमारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2019 6:33 AM
जितेंद्र मिश्र
गया : सिंदूर लगाती हूं, सिर्फ बच्चों की तसल्ली के लिए. पति के अपहरण हुए 11 माह से अधिक गुजर गये. पुलिस के दरबार में जाते-जाते थक चुकी हूं. लेकिन, हर जगह से निराशा ही हाथ लगी है. यह कहना है चंदौती थाने के अपहृत एसपीओ चंदन कुमार सिन्हा की पत्नी रंजीता कुमारी का.
रंजीता ने कहा कि आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर हो गयी है. पैसे के अभाव में दो बेटियां व दो बेटों का स्कूल जाना बंद कराना पड़ा है.
उन्होंने बताया कि 22 मार्च 2018 से पहले पूरा परिवार हंसी-खुशी जी रहा था. इस दिन शाम को उसके पति बाइपास से कुछ सामान लाने निकले और वापस नहीं लौटे. पुलिस अधिकारियों ने हर बार सिर्फ कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि उनके पति चंदौती थाने के लिए एसपीओ का काम करते थे. जब तक पति रहे तब तक दिन में थाने के कर्मचारी दो बार जरूर पहुंचते थे. पति के जाने के बाद उनके बारे में थाने के अधिकारी बात करना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. थाने जाने पर कोई ढंग से बात नहीं करता है. इसलिए अब वहां जाना बंद कर दी हूं.
दुकान चला कर किसी तरह करतीं हैं गुजारा
रंजीता ने बताया कि वह दुकान चला कर अपने बच्चे 10 वर्षीय अलका, आठ वर्षीय सौरभ, पांच वर्षीय परी व तीन वर्षीय गौरव का लालन-पालन कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि पति के नहीं लौटने के बाद कुछ दिनों तक रिश्तेदारों ने तसल्ली दी. लेकिन, सिर्फ तसल्ली से जीवन चलाना संभव नहीं है. पैसे के अभाव में बच्चों को स्कूल जाना बंद करा दिया. वह मैट्रिक पास है. इस कारण अपनी जानकारी के अनुसार बच्चों को घर पर ही पढ़ा रही हैं. परिवार का खर्चा चलाने के लिए ससुर ने छोटी सी दुकान खुलवा दी है. उन्होंने बताया कि दुकान से इतनी आमदनी नहीं है कि खाना व बच्चों को पढ़ाना दोनों संभव हो सकता है.
पुलिस ने कार्रवाई में नहीं दिखायी तत्परता
शुरू से ही पुलिस ने इस मामले में कोई तत्परता नहीं दिखायी. एक नामजद अलीपुर के रहनेवाले गुड्डू चौधरी को सिर्फ पकड़ कर जेल में डाल दिया गया. हालांकि गुड्डू को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गयी. सूत्रों का कहना है कि गुड्डू ने चंदौती के किसी राजू का नाम लिया था. लेकिन, पुलिस राजू को खोजने में असफल रही है. मामले को लेकर परिजनों व स्थानीय लोगों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया.

Next Article

Exit mobile version