राजनीति से हो सुधार की शुरुआत

गया: देश की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है. यूं कहे की देश की राजनीति संक्रमण के दौर से गुजर रही है. राजनीति सत्ता लाभ और सुख प्राप्त करने का जरिया बन चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों का स्वाभिमान खत्म हो जाना. यह देश के पतन का मुख्य कारण है. ये बातें राष्ट्रीय स्वाभिमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

गया: देश की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है. यूं कहे की देश की राजनीति संक्रमण के दौर से गुजर रही है. राजनीति सत्ता लाभ और सुख प्राप्त करने का जरिया बन चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों का स्वाभिमान खत्म हो जाना. यह देश के पतन का मुख्य कारण है.

ये बातें राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने कहीं. वह धर्मसभा भवन में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के 10वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित बिहार-झारखंड कार्यकर्ता संगम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए सबसे पहले राजनीतिक सुधार की जरूरत है. यह तभी संभव होगा, जब देश की जनता स्वाभिमानी होगी. अच्छे लोग राजनीति में आयेंगे. राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का उद्देश्य ही लोगों के स्वाभिमान को जगाना है.

इस मौके पर मुख्य अतिथि आइएमए के अध्यक्ष डॉ शिव वचन सिंह ने राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह बात पूरे समाज को स्वीकार करनी चाहिए कि आज हमने अपना स्वाभिमान खो दिया है. यह देश के विकास का सबसे बड़ा बाधक बन चुका है. राष्ट्रीय संयोजक सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के उद्देश्य के संबंध में विस्तार से बताया. अंत में व्यवस्था परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करने वाली कुछ कविताएं भी पेश की गयीं.

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता के चित्र के सामने दीप जला कर की गयी. ज्ञान ज्योति शिशु मंदिर की छात्रओं ने वंदे मातरम् गीत पेश किया. इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव अनिल केसरी, उत्तर बिहार के संयोजक सह बिहार झारखंड के प्रभारी गदाधर विद्रोही, सीमा सिन्हा, दक्षिण बिहार के संयोजक पवन श्रीवास्तव आदि मौजूद थे. स्वागत भाषण कार्यकारी संयोजक कौशलेंद्र नारायण व संचालन अजय कुमार निशि ने किया.

Next Article

Exit mobile version