शहर के कूड़े-कचरे से तैयार हुई 800 किलो जैविक खाद
गया : ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत नगर निगम के जीआरडीए शाखा के परिसर में शहर के कचरे से करीब 800 किलो जैविक खाद तैयार हो चुकी है. इंतजार है, तो सिर्फ पैकेजिंग मशीन की, जिसके आने के बाद खाद की पैकेजिंग कर उसकी बिक्री शुरू हो जायेगी. हालांकि, खाद की बिक्री को लेकर नगर […]
गया : ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत नगर निगम के जीआरडीए शाखा के परिसर में शहर के कचरे से करीब 800 किलो जैविक खाद तैयार हो चुकी है. इंतजार है, तो सिर्फ पैकेजिंग मशीन की, जिसके आने के बाद खाद की पैकेजिंग कर उसकी बिक्री शुरू हो जायेगी.
हालांकि, खाद की बिक्री को लेकर नगर निगम कृषि विभाग से भी संपर्क में है, ताकि कृषि विभाग के अधिकारी अपने नेटवर्क के जरिये किसानों तक खाद आसानी से पहुंचा दे. नगर निगम के इस प्रयास की नगर विकास व आवास विभाग भी सराहना कर चुका है. नगर निगम से जुड़े सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में इसके जरिये रोजगार सृजन की संभावना की तलाश भी होगी.
कचरे की होती है छंटाई, फिर इस्तेमाल : शहर में रोजाना 600 एमटी (मीटरिक टन) कचरा निकलता है. इसमें सड़ी-गली सब्जियां व फल, बेकार खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक, आदि बहुतायत निकलते हैं. निगम की गाड़ियां इस कचरे का अलग-अलग जगहों से उठाव करती हैं.
जीआडीए शाखा में कुछ माह पूर्व ही जैविक खाद निर्माण केंद्र शुरू हुआ है. यहां चार से पांच की संख्या में कर्मचारी तैनात किये गये हैं, जो कचरे से अलग-अलग उपयोगी चीजें छांटते हैं. ईंट के अलग-अलग खानों में छांटे गये कचरों को गोबर में मिला कर रखा जाता है. जब यह पूरी तरह सूख जाता है, तो जैविक खाद में बदल जाता है.
क्रय समिति से मिल चुकी है मंजूरी
उप नगर निगम आयुक्त अजय कुमार कहते हैं कि पैकेजिंग मशीन की खरीदी के लिए क्रय समिति से मंजूरी मिल चुकी है. जल्द ही किसी एजेंसी के जरिये यह मशीन नगर निगम को मिल जायेगी. इसके अलावा खाद को छांटने वाली मशीन की खरीदारी भी होगी. इससे गया शहर को आने वाले समय में काफी फायदा मिलेगा.
गया के पर्यावरण के लिए उपयोगी
पिछले कुछ साल में गया का पर्यावरण काफी खराब हुआ है. डब्लूएचओ के द्वारा 2016 में कराये गये एक सर्वें के बाद गया शहर को दुनिया के चार सबसे प्रदूषित शहरों में आंका गया है.
यहां कुछ साल में जैविक खाद के प्रति जागरूकता आयी है. ऐसे में नगर निगम की इस पहल से न सिर्फ किसानों को बेहतर खाद मिलेगी, बल्कि यहां के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मदद मिलेगी.
गया शहरी क्षेत्र के खरखुरा, कंडी नवादा, खिरियावां व केंदुआ आदि इलाकों में बहुतायत में सब्जी व दूसरे फसलों की खेती होती है. ऐसे में इन किसानों को भी किफायती दर पर जैविक खाद मिल जायेगी.