गया : कोई नरेंद्र मोदी, तो कोई महागठबंधन से था प्रभावित
नीरज कुमार गया : शहर का शहीद रोड जहां एक दुकान पर कुछ लोग बैठकर शहर की बदहाली पर चर्चा कर रहे थे. किसी ने बढ़ते मच्छर के प्रकोप पर व्यवस्था को नकारा बताया तो किसी ने आम नागरिकों को भी शहर में बढ़ रही गंदगी के लिए जिम्मेदार ठहराया. चाय की चुस्की के साथ […]
नीरज कुमार
गया : शहर का शहीद रोड जहां एक दुकान पर कुछ लोग बैठकर शहर की बदहाली पर चर्चा कर रहे थे. किसी ने बढ़ते मच्छर के प्रकोप पर व्यवस्था को नकारा बताया तो किसी ने आम नागरिकों को भी शहर में बढ़ रही गंदगी के लिए जिम्मेदार ठहराया. चाय की चुस्की के साथ चर्चाएं हो रही थीं.
तभी किसी ने इस व्यवस्था के लिए राजनीति को जिम्मेदार करार दे दिया. बस क्या था बैठे हुए लोगों में कोई नरेंद्र मोदी को चाहने वाले थे तो कोई महागठबंधन की राजनीति से प्रभावित थे. किसी ने कहा सांसद ठीक होते तो शहर की हालात इतनी खराब नहीं होती तो किसी ने तपाक से बोला कि इसीलिए चुनाव होता है.
राजनीति एक ऐसा विषय है जिसका सभी केवल जानकार ही नहीं होते हैं, बल्कि हर कोई एक-दूसरे पर भारी पड़ने के लिए दलील देने से बाज नहीं आते हैं. गया भी इससे अछूता नहीं है. शहर के लगभग सभी नुक्कड़ों अन्य जगहों पर चुनावी चर्चाएं आम बात हो गयी हैं. यहां किसी के लिए विजय मांझी जीत रहा है तो कोई जीतन राम मांझी को जीतने की दलील देने में कोई कंजूसी नहीं कर रहा है. कोई मोदी का हवाला देकर राजग प्रत्याशी विजय मांझी की जीत पक्की मान रहा है, कोई अनुभव के आधार पर महा गठबंधन के प्रत्याशी जीतन राम मांझी को जीतने की बात करता है.
चुनाव संपन्न हो गया है. मतदान की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी है. सभी प्रत्याशी के भाग्य पर मतदाताओं ने ताला जड़ दिया है. लेकिन, चुनावी हलचल का बाजार अब भी जोर पकड़े हुए है. शहीद रोड के एक प्रतिष्ठान में कुछ इसी तरह की बातचीत अमित कुमार, विवेक कुमार अग्रवाल, रिंकू सिंह, अमित वर्मा, विजय कुमार, अमर कुमार, राज कुमार व अन्य लोगों के बीच रही थी.