गया : वैतरणी तालाब के सौंदर्यीकरण में घटिया ईंट का इस्तेमाल !
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘हृदय’ में गड़बड़ी की आशंका लोग बोले- निर्माण में ठेकेदार कर रहा मनमानी, काम की गति भी काफी धीमी गया : हृदय योजना के तहत वैतरणी तालाब के सौंदर्यीकरण में घटिया ईंट के इस्तेमाल को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. लोगों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा काम में जम […]
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘हृदय’ में गड़बड़ी की आशंका
लोग बोले- निर्माण में ठेकेदार कर रहा मनमानी, काम की गति भी काफी धीमी
गया : हृदय योजना के तहत वैतरणी तालाब के सौंदर्यीकरण में घटिया ईंट के इस्तेमाल को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. लोगों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा काम में जम कर लापरवाही बरती जा रही है. वहीं, स्थानीय वार्ड पार्षद स्वीटी कुमारी ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों को पत्र भेज कार्रवाई की मांग की है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी हृदय योजना के तहत शहर के कई तालाबों व घाटों के सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है. इस मामले में मेयर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है, तो वह अपने स्तर पर इस मामले को देखेंगे. उन्होंने कहा कि हर हाल में योजना में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये यह कोशिश है.
पांच करोड़ की लागत से हो रहा सौंदर्यीकरण केंद्र सरकार ने वैतरणी व ब्रह्मसत तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए पांच करोड़ 86 लाख रुपये का आवंटन दिया है. यह कार्य श्री विष्णु कंस्ट्रक्शन नाम की एजेंसी करा रही है.
लोगों का आरोप है कि तालाब की सीढ़ियों के निर्माण में घटिया क्वालिटी के ईंट का इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा काम इतनी सुस्त गति से हो रहा है कि इसके समय पर पूरा होने पर संशय बना हुआ है. लोगों का आरोप है कि पाइलिंग में आठ एएम के रॉड का इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि यह बता दें कि इस काम के पूरा होने का डेडलाइन पार कर चुका है. हाल ही में आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अपने गया दौरे में इस योजना का काम मानसून से पहले करा लेने का आदेश दिया है.
क्या कहती हैं जनप्रतिनिधि
वैतरणी तालाब के सौंदर्यीकरण के कार्य में ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. जब उससे प्राक्कलन की मांग की जाती है, तो वह इन्कार कर देता है. इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन को की गयी है. नगर निगम के जन अभियंताओं पर इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी है, वह भी लापरवाही बरत रहे हैं.
स्वीटी कुमारी, वार्ड पार्षद 45