प्रवासी मजदूरों के आश्रितों में बंटे चेक
गया: गया जिले के प्रवासी असंगठित मृत मजदूरों के आश्रितों को बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना, 2008 के अंतर्गत गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने एक-एक लाख रुपये का चेक दिया. डीएम ने गुरुआ निवासी स्व सत्येंद्र दास (पंजाब के अंबाला में काम के दौरान हुई थी मौत) के […]
गया: गया जिले के प्रवासी असंगठित मृत मजदूरों के आश्रितों को बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना, 2008 के अंतर्गत गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने एक-एक लाख रुपये का चेक दिया.
डीएम ने गुरुआ निवासी स्व सत्येंद्र दास (पंजाब के अंबाला में काम के दौरान हुई थी मौत) के आश्रित ज्ञांति देवी, गुरुआ के स्व धर्मेद्र यादव (ओड़िशा के लखनपुर में काम के दौरान मौत) के आश्रित बैजू यादव, बोधगया निवासी स्व लाल मोहन मांझी (हिमाचल प्रदेश के मनाली में हुई मौत) के आश्रित केशरी देवी, परैया निवासी स्व अजीत कुमार (पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई मौत) के आश्रित नरेश राम, इमामगंज निवासी स्व विजय नंदन प्रसाद (तमिलनाडु के चेन्नई में हुई मौत) के आश्रित संगीता देवी व डुमरिया के स्व राजू विश्वकर्मा (उत्तर प्रदेश के नोएडा में हुई मौत) के आश्रित जगरनाथ विश्वकर्मा को एक-एक लाख रुपये का चेक दिया. डीएम ने बताया कि काम के दौरान मृत्यु व दुर्घटना की स्थिति में बिहार के रहनेवाले 18 से 60 आयु वर्ग के प्रवासी असंगठित मजदूरों को मुआवजा दिया जाता है. मजदूरी की मौत होने पर आश्रित को एक लाख रुपये देने का प्रावधान है.
डीएम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, जिनके परिवार के सदस्यों की बिहार से बाहर मजदूरी करते हुए मौत हो जाती है, तो वह अविलंब श्रम अधीक्षक के कार्यालय में आवेदन दें. साथ ही, पीड़ित परिवार उनके जनता दरबार में भी आवेदन दें, तो तुरंत कार्रवाई होगी. पिछले जनता दरबार में एक महिला ने आवेदन दिया था. उसका आवेदन लंबे समय से लंबित था. उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर मामले को निबटा दिया. साथ ही, लंबित अन्य पांच आवेदनों को भी निष्पादित किया गया. डीएम ने कहा कि इस मद में पैसे की कोई कमी नहीं है.