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एक हजार नये बेडों के साथ अपग्रेड होगा मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल: नीतीश कुमार
गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल को एक हजार नये बेडों के साथ अपग्रेड करने का निर्देश जारी किया है. वह गुरुवार को लू व हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों से मिलने मगध मेडिकल काॅलेज पहुंचे थे. यहां उन्होंने नयी इमरजेंसी बिल्डिंग में भर्ती मरीजों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री […]
गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल को एक हजार नये बेडों के साथ अपग्रेड करने का निर्देश जारी किया है. वह गुरुवार को लू व हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों से मिलने मगध मेडिकल काॅलेज पहुंचे थे. यहां उन्होंने नयी इमरजेंसी बिल्डिंग में भर्ती मरीजों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने एक-एक मरीज के पास जाकर उनका हाल जाना. उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि पुख्ता इलाज और हर संभव मदद मिलेगी.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने मगध मेडिकल काॅलेज के प्रशासनिक भवन में पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें उन्होंने हीट स्ट्रोक व जापानी इंसेफ्लाइटिस से निबटने की तैयारियों पर जानकारी ली. प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल ने अब तक की तैयारियों की जानकारी दी. इस दौरान मौजूद रहे नवादा और औरंगाबाद के डीएम से वहां की भी स्थिति की जानकारी ली.
सीएम के साथ बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सांसद विजय मांझी, विधायक राजीव दांगी, विधान पार्षद मनोरमा देवी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, पीएचइडी के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल, डीआइजी विनय कुमार, गया के डीएम अभिषेक सिंह, औरंगाबाद के डीएम राहुल रंजन, नवादा के डीएम कौशल किशोर, मगध मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ एचजी अग्रवाल, अधीक्षक डाॅ विजय कृष्ण प्रसाद मौजूद रहे.
माइक्रोलेवल पर करें मरीजों की जांच
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष पदाधिकारियों से कहा कि मगध मेडिकल काॅलेज में वर्तमान में मौजूद बेडों के अलावा एक हजार नये बेड की योजना तैयार करें. अस्पताल को अपग्रेड किया जाना बहुत जरूरी है. बैठक में सीएम ने डॉक्टरों से कहा कि जो भी पीड़ित आ रहे हैं, उनके इलाज के साथ माइक्रोलेवल पर जांच भी करें.
किस परिस्थिति तबीयत खराब हुई और उसमें कोई अन्य बीमारियों के लक्षण तो नहीं हैं. इसकी भी जांच बहुत जरूरी है. उन्होंने सभी बीमारियों को गंभीरता से लेने को कहा. उन्होंने कहा कि खुले में शौच से मुक्ति और पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध हो, तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
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