गया : आयुक्त, मगध प्रमंडल, पंकज कुमार पाल ने गया और औरंगाबाद जिले के सभी विभागों के कार्यक्रमों, योजनाओं की दो पालियों में बिंदुवार समीक्षा की. बैठक में जिलाधिकारी औरंगाबाद राहुल रंजन महिवाल ने औरंगाबाद जिले की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या एवं महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी.
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खनन विभाग का लक्ष्य बढ़ा कर “500 करोड़
गया : आयुक्त, मगध प्रमंडल, पंकज कुमार पाल ने गया और औरंगाबाद जिले के सभी विभागों के कार्यक्रमों, योजनाओं की दो पालियों में बिंदुवार समीक्षा की. बैठक में जिलाधिकारी औरंगाबाद राहुल रंजन महिवाल ने औरंगाबाद जिले की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या एवं महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी. उन्होंने औरंगाबाद की […]
उन्होंने औरंगाबाद की विधि व्यवस्था से संबंधित आंकड़े भी प्रस्तुत किये. भू अर्जन की समीक्षा में बताया गया कि डीएफसीसी कोलकाता जोन, डीएफसीसी मुगलसराय जोन में भू अर्जन का कार्य चल रहा है और डीएफसीसी कोलकाता जोन में 65% भुगतान किया गया है व डीएफसीसी मुगलसराय जोन में 95% भुगतान किया गया है.
यह रेल लाइन बिछाने के लिए अर्जन किया जा रहा है. विवादित रैयतों के भू अर्जन के लिए गया की तरह ही उन्हें भी सिविल कोर्ट में राशि जमा कराने का निर्देश दिया गया. साथ ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अंचल अधिकारियों, डीसीएलआर की बैठक बुलाने और कैंप मोड में भुगतान कराने का निर्देश दिया गया.
उन्होंने कहा कि भू अर्जन में विलंब होने पर भारत सरकार के सामने राज्य सरकार की छवि खराब होती है. इसलिए इस पर शीघ्र कार्रवाई की जाये. उन्होंने विशेष भू अर्जन की बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया. खान एवं भूतत्व विभाग की समीक्षा के दौरान जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में बारुण, दाउदनगर एवं नवीनगर से बालू का खनन किया जाता है तथा मदनपुर पहाड़ी से पत्थर की कटाई की जाती है और इनका एक ही एजेंसी आदित्य मल्टीकॉम कंपनी के द्वारा ठेका लिया गया है.
आयुक्त ने इस कार्रवाई को नाकाफी मानते हुए कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया. यह भी बताया गया कि खनन विभाग का लक्ष्य बढ़ा कर 500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि वर्तमान में 102 से 125 करोड़ रुपये की वसूली सालाना की जा रही है.
शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि कुल 204 पंचायतों में केवल 29 पंचायत ऐसे हैं, जहां उच्च विद्यालय नहीं हैं और उनके लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है.उत्तर कोयल नहर परियोजना का विस्तृत प्रतिवेदन पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अधीक्षण अभियंता उत्तर कोयल नहर परियोजना द्वारा बताया गया. उन्होंने बताया कि यह बहुत बड़ी योजना है और इससे इसके पूरा होने पर औरंगाबाद और गया के बहुत बड़े भूभाग में सिंचाई की जा सकेगी.
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