तालिबानी फरमान : पंचायत ने गैंगरेप पीड़िता को ठहराया दोषी, बाल काटकर घुमाया, गांव से बाहर निकलने पर थी पाबंदी

गया : गया की मोहनपुर में पंचायत ने सामूहिक दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता को ही घटना के लिए दोषी ठहरा दिया. इतना ही नहीं सजा के तौर पर उसके बाल कटवा दिये गये और पूरे गांव में घुमाया गया. मामला गांव से बाहर न जाये, इसलिए 12 दिनों तक पीड़िता व उसके परिजनों को निगरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2019 8:59 AM
गया : गया की मोहनपुर में पंचायत ने सामूहिक दुष्कर्म की नाबालिग पीड़िता को ही घटना के लिए दोषी ठहरा दिया. इतना ही नहीं सजा के तौर पर उसके बाल कटवा दिये गये और पूरे गांव में घुमाया गया. मामला गांव से बाहर न जाये, इसलिए 12 दिनों तक पीड़िता व उसके परिजनों को निगरानी में रखा गया. हालांकि, किसी तरह बच-बचाकर रविवार को लड़की अपनी मां व एक अन्य सहयोगी के साथ एसएसपी के पास पहुंची और पूरी घटना की जानकारी दी. एसएसपी के चार्ज में रहे सिटी एसपी के आदेश पर महिला थाने में केस दर्ज कराया गया है.
सूत्र बताते हैं कि लड़की को यहां लेकर पहुंचे एक जनप्रतिनिधि ने प्रदेश के पुलिस महकमे के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे दी. सिटी एसपी मनजीत श्योराण ने बताया कि महिला थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. इसमें देवलाल यादव, दुखन सिंह, कपिल सिंह, महादेव सिंह व वीरेंद्र सिंह को आरोपित बनाया गया है. लड़की की मेडिकल जांच करायी जा रही है. जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
यह है पूरा मामला : लड़की की मां ने पुलिस को दिये आवेदन में कहा है कि 14 अगस्त को गांव के पास ही उनकी नाबालिग लड़की शौच के लिए गयी थी. उसी वक्त एक सवारी गाड़ी में सवार छह लोग वहां से गुजर रहे थे. उन लोगों ने लड़की को बुलाया और गाड़ी में जबरन बैठा लिया. उसमें एक लड़के देवलाल यादव को उनकी बेटी ने पहचान लिया. उक्त युवक की ससुराल उनके ही गांव में है.
इधर, बेटी के गायब होने के दूसरे दिन 15 अगस्त को बेहोशी की हालत में बगल के गांव के पंचायत भवन की छत पर उसे देखा गया. वहां किसी ने उसे पहचान लिया और घर पहुंचाया.
इधर, गांव में लोगों को जानकारी मिली, तो लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उनकी बेटी को ही गलत करार दिया. इसके बाद पंचायती कर उसके बाल काट दिये व गांव में घुमाया गया. थाने में शिकायत करने की बात कही, तो जान से मारने की धमकी दी गयी. गांव के मुख्य रास्ते पर गांववाले निगरानी रखने लगे. 12 दिनों बाद किसी तरह बच-बचाकर यहां पहुंची.

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