पशुपालन और डेयरी के विकास में बैंकों का अहम योगदान : विवेकानंद

बोधगया : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के तत्वावधान में गुरुवार को होटल डेल्टा इंटरनेशनल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें डेयरी उद्यमिता विकास योजना के संदर्भ में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए. कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक विवेकानंद ने कहा कि पशुपालन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2019 8:48 AM

बोधगया : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) के तत्वावधान में गुरुवार को होटल डेल्टा इंटरनेशनल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें डेयरी उद्यमिता विकास योजना के संदर्भ में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए. कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक विवेकानंद ने कहा कि पशुपालन व डेयरी के विकास में बैंकों का बहुत बड़ा योगदान है.

किसानों से मित्रवत व्यवहार कर उन्हें ऋण मुहैया करा कर स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार सृजित करना व डेयरी क्षेत्र को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है. साथ ही दूध का व्यावसायिक स्तर पर संचालन करने के लिए पारंपरिक प्रौद्योगिकी का उन्नयन करना है. इस मौके पर एलडीएम आरपी पोद्दार ने कहा कि बैंक किसानों को ऋण देने में ज्यादा परेशान न करें.
जरूरत पड़ने पर आरसेटी से प्रशिक्षण दिला कर पशुपालन के अलावा अन्य कृषि कार्यों से जोड़ कर किसानों को ऋण मुहैया कराएं. इससे किसानों की आमदनी में थोड़ी बढ़ोतरी होगी. कार्यशाला में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर एसके पांडेय, मगध डेयरी के एमडी एके करण, आरसेटी के डायरेक्टर प्रवीण कुमार सिन्हा, मगध विकास भारती के प्रोजेक्ट डायरेक्टर महेश प्रसाद, ब्रजेश सिंह, मगध एग्रीकल्चर फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के सीइओ रंजीत प्रसाद केसरी सहित अन्य शामिल हुए.

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