पितृपक्ष: आधी-अधूरी व्यवस्था के बीच गया में श्राद्धकर्म करने को श्रद्धालु होंगे मजबूर, पढ़ें यह खास रिपोर्ट
-गोदावरी सरोवर वेदी पर श्रद्धालुओं को पानी व शौचालय की समस्याओं से होना पड़ेगा रूबरूगया : गोदावरी (सरोवर) वेदी पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड करने आये श्रद्धालुओं को इस साल भी पितृपक्ष मेले में शौचालय व पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा. इस सरोवर के पास प्रशासन द्वारा न तो शौचालय और न ही […]
-गोदावरी सरोवर वेदी पर श्रद्धालुओं को पानी व शौचालय की समस्याओं से होना पड़ेगा रूबरू
गया : गोदावरी (सरोवर) वेदी पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड करने आये श्रद्धालुओं को इस साल भी पितृपक्ष मेले में शौचालय व पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा. इस सरोवर के पास प्रशासन द्वारा न तो शौचालय और न ही पेयजल की व्यवस्था पितृपक्ष मेले के दौरान की जाती है. पिंडदान का कर्मकांड करने आने वाले श्रद्धालुओं को पूजन सामग्री के साथ-साथ कर्मकांड के लिए पानी भी खुद लेकर आना पड़ेगा. वहीं, दूसरी तरफ सरोवर का जीर्णोद्धार कुछ दिन पहले शुरू कराया गया है. शुक्रवार को इस सरोवर की स्थिति बदतर थी. सरोवर का पानी न केवल गंदा है, बल्कि आसपास के घरों से गिरने वाली गंदगी के कारण काफी प्रदूषित भी हो गया है. दूसरी तरफ सरोवर का कराया जा रहा जीर्णोद्धार इस साल 12 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष मेला से पूर्व होने की संभावना दूर-दूर तक नहीं दिख रही है.
गोदावरी सरोवर पर पिंडदान करने से 21 कुल का होता है उद्धार
पौराणिक मान्यता है कि गोदावरी सरोवर पर श्राद्धकर्म व पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं के 21 कुल का उद्धार होता है. साथ ही उनके पितरों को सद्गति प्राप्त होने का लाभ भी मिलता है. इस निमित्त हर वर्ष के पितृपक्ष मेले में हजारों श्रद्धालु इस सरोवर पर पिंडदान व श्राद्धकर्म का कर्मकांड करते आ रहे हैं.
जर्जर कमरों में कैसे रहेंगे पिंडदानी?
गया: पितृपक्ष मेले के दौरान मध्य विद्यालय चांदचौरा में तीर्थयात्री ठहराये जायेंगे. लेकिन, यहां की जो हालत है, वह किसी भी स्तर से रहने लायक नहीं है. कमरे की स्थिति ठीक नहीं है. कमरों की खिड़कियों में दरवाजा भी नहीं है. इस स्थिति में यहां ठहरनेवाले यात्रियों को स्वाभाविक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इस विद्यालय के सभी कमरों की छत से प्लास्टर छूट कर नीचे गिरता है. इसके कारण यात्रियों को भय में रह कर अपनी रात गुजरनी पड़ेगी. इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि स्कूल के सभी कमरे जर्जर स्थिति में हैं. इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की गयी है. लेकिन, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि पांच कमरों में 130 पिंडदानियों को ठहराया जायेगा. स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि बारिश होने पर कमरों की छतों से पानी टपकता है. लगातार बारिश होने के पर तो क्लास रूम में पानी भर जाता है. अगर पितृपक्ष मेले के दौरान बारिश हुई तो पिंडदानियों को रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इस ओर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. जिला प्रशासन की ओर से अब तक स्कूल में मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है. लिखित व मौखिक शिकायत करने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा.
पानी व शौचालय की है अच्छी व्यवस्था
मध्य विद्यालय चांदचौरा में पानी व शौचालय की अच्छी व्यवस्था है. यहां समय-समय पर मोटर चालू कर पानी दिया जायेगा. यही नहीं इस विद्यालय में छह शौचालय हैं. सभी शौचालय अच्छी व साफ-सुथरे हैं. उन्होंने कहा कि सबमर्सिबल के अलावा यहां सप्लाइ की भी व्यवस्था है. स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि पिंडदानियों को समय-समय ठंडा व शुद्ध पेयजल मिलेगा.
मध्य विद्यालय घुघरीटांड़
मध्य विद्यालय घुघरीटांड़ में भी पिंडदानियों के लिए आवासन की व्यवस्था की गयी है. इस विद्यालय में एक चापाकल है, जो खराब पड़ा हुआ है. समय सीमा के अंदर चापाकल को ठीक नहीं किया गया, तो ठहरनेवाले पिंडदानियों को पानी के लिए भटकना पड़ सकता है. इस विद्यालय में पानी सप्लाइ के माध्यम से आता है. समय से पानी नहीं भरा गया, तो पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा. स्कूल की शिक्षिका शारदा सिन्हा ने चापाकल की मरम्मत के लिए कई बार लिखित शिकायत की है. लेकिन, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. यहां का शौचालय, रूम, दरवाजा व खिड़की सभी ठीक हैं. लेकिन, पानी की अच्छी व्यवस्था नहीं है. जिला प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिल पा रहा है.
पितृपक्ष के ही बहाने बन कर तैयार हो रही बुधौली गली
एक साल से गली के जर्जर होने से चलना हो गया था मुश्किल
गया: पितृपक्ष मेले को लेकर बुधौली गली के लोग इस बार बहुत खुश हैं. खुशी इस बात की है कि पितृपक्ष के बहाने ही सही उनके मुहल्ले की सड़क की मरम्मत हो जा रही है. लोगों का कहना है कि पिछले एक साल से इस सड़क की स्थिति इतनी खराब थी कि यहां से पैदल गुजरना मुश्किल था. रामसागर तालाब की ओर से गायत्री मंदिर होते हुए विष्णुपद मंदिर की ओर जाने के लिए इसका इस्तेमाल बतौर लिंक रोड किया जाता है. साथ ही इस मुहल्ले में पूरे पितृपक्ष के दौरान पिंडदानियों का आवासन रहता है. लगभग सभी मकानों में लोग रहते हैं. ऐसे में खराब सड़क की वजह से सभी को परेशान होती है. तीन दिन पहले इस सड़क की मरम्मत शुरू कर दी गयी है. लोगों को उम्मीद है कि सड़क मरम्मत के बाद टिकेगी भी.
आउटसोर्सिंग से सफाई के लिए निगम ने किया री-टेंडर
पितृपक्ष मेले में आउटसोर्सिंग के जरिये सफाई कराने की योजना
गया : पितृपक्ष मेला में बेहतर सफाई व्यवस्था को लेकर इस दफा भी निगम ने आउटसोर्सिंग का सहारा लिया है. निगम बोर्ड व स्टैडिंग से स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा में कार्रवाई शुरू हो गयी है. हालांकि, आउटसोर्सिंग के लिए निगम द्वारा निकाला गया पहला टेंडर सिंगल टेंडर होने के कारण रद्द हाे चुका है. ऐसे में निगम ने री-टेंडर किया है. नगर निगम के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि जल्द ही टेंडर खुलेगा व एजेंसी का चयन कर उसे सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी दे दी जायेगी.
बेहतर फीडबैक को देखते हुए उठाया गया कदम
गौरतलब है कि पितृपक्ष मेला 2018 में नगर निगम द्वारा आउटसोर्सिंग के जरिये सफाई व्यवस्था एक एजेंसी को दी गयी थी. एजेंसी द्वारा बेहतर कामकाज किया गया था. मेला में पहुंचे पिंडदानियों ने भी इसकी तारीफ की थी. इसके अलावा एजेंसी द्वारा काफी प्लानिंग के साथ मेला क्षेत्र के हर हिस्से में लगातार सफाई व्यवस्था को बेहतर किया गया था.
निगम के सफाईकर्मियों को रखा गया अलग
गौरतलब है कि इस बार निगम के सफाईकर्मियों को मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था से अलग रखा गया है. असल में पितृपक्ष मेला के साथ-साथ शहर की सफाई व्यवस्था में एक साथ सफाईकर्मियों के लगे रहने से सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है. नगर आयुक्त सावन कुमार भी कह चुके हैं कि मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों को सफाई के मामले में कहीं भी कोई शिकायत नहीं मिले. साथ ही वे यहां से बेहतर फीडबैक लेकर जायें.
पिंडदानियों के लिए मेले में बनाये जायेंगे 20 शौचालय
पितृपक्ष मेले को लेकर पीएचइडी की तैयारी
गया: पितृपक्ष मेले में देश व विदेश से आनेवाले पिंडदानियों को बेहतर सुविधा देने के मद्देनजर पीएचइडी ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी के तहत मेला क्षेत्र में 20 पोर्टेबल टॉयलेट लगाये जायेंगे. इसके लिए जगह का चुनाव कर लिया गया है. बेहद कम जगह व साफ-सफाई के दृष्टिकोण के तहत बेहद आसान इस तरह के टॉयलेट मेला क्षेत्र में कुछ सालों से लगाये जाने लगे हैं. इस संबंध में पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता विवेक कुमार ने बताया कि पिंडदानियों की यह आम शिकायत रही है कि शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है. ऐसे में पोर्टेबल टॉयलेट को कई जगहों पर लगाया जा रहा है.
कहां-कहां लगेंगे पोर्टेबल टॉयलेट
जानकारी के अनुसार पोर्टेबल टॉयलेट शहर के गुरुद्वारा रोड स्थित गुरनानक स्कूल में, कोसडिहरा स्कूल में समेत कई जगहों पर टॉयलेट लगाये जायेंगे. इतना ही नहीं स्टॉक में भी पोर्टेबल टॉयलेट रखे जायेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत इसे स्टॉल किया जा सके.
इन जगहों पर शौचालयों की होगी मरम्मत
वहीं प्रेतशिला परिसर में बने सामुदायिक टॉयलेट, केंदुई बस स्टैंड के परिसर में बने तीन शौचालय, श्मशान घाट पर बने एक टाॅयलेट, देवघाट पर बने 10 पुरुष व 10 महिला शौचालयों की मरम्मत भी करायी जायेगी. इसके लिए योजना बनायी गयी है. इसके अलावा सभी आवासन स्थलों पर खराब शौचालयों की मरम्मत का कार्य भी होगा.