कर्मियों की हड़ताल से साफ-सफाई ठप
गया : बिहार लोकल बॉडिज इम्पलाइज फेडरेशन व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर राज्यव्यापी हड़ताल में गया नगर निगम के कर्मचारी भी गुरुवार को शामिल होते हुए निश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इससे शहर में सफाई कार्य पूरी तरह से ठप हो गया. निगम स्टोर से एक भी सफाई गाड़ी नहीं […]
गया : बिहार लोकल बॉडिज इम्पलाइज फेडरेशन व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर राज्यव्यापी हड़ताल में गया नगर निगम के कर्मचारी भी गुरुवार को शामिल होते हुए निश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये.
इससे शहर में सफाई कार्य पूरी तरह से ठप हो गया. निगम स्टोर से एक भी सफाई गाड़ी नहीं निकली. इससे शहर में हर जगह कचरे का अंबार लगा है. इसके पहले फेडरेशन के बैनर तले सफाई कर्मियों ने जुलूस निकाला, जो निगम स्टोर से होते हुए निगम कार्यालय पहुंचा.
यहां सरकार की नीतियों को लेकर नारेबाजी की. साथ ही नगर निगम कार्यालय की सभी शाखाओं को बंद कराया. फेडरेशन के सचिव अशोक राम ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर निगम कर्मी हड़ताल पर हैं. इसमें नगर निगम में आउटसोर्सिंग बंद करने, सातवां वेतन पुनरीक्षण का लाभ, दैनिक कर्मियों को 18 हजार रुपये देने, चतुर्थ वर्गीय पदों के कार्यबल को बरकरार रखने, अनुकंपा नियुक्ति आदेश को निर्गत करने आदि मांग शामिल है.
वार्ता फेल से बढ़ी परेशानी : गया से भी फेडरेशन व महासंघ के नेतृत्व में काफी संख्या में कर्मी पटना के लिए रवाना हुए, जहां दोपहर एक बजे विकास मंत्री से वार्ता हुई.
जानकारी के अनुसार, यह वार्ता फेल हो गयी है. इस संबंध में फेडरेशन के महामंत्री अमृत प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में निकायों को लेकर सरकार की नीति काफी दोषपूर्ण है. कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन मिलता है वह न दूसरी सुविधाएं. इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग के जरिये कर्मचारियों के हक को मारने में लगी है. उन्होंने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती हड़ताल खत्म नहीं होगी.
निगम के अधिकारी जुटे बातचीत में
पितृपक्ष मेला के शुरू होने में अब महज छह दिन शेष रह गये हैं. ऐसे में सफाई कार्य ठप होने से निगम प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है. गुरुवार की देर शाम निगम के अधिकारी श्रमिक नेताओं से बातचीत कर रास्ता निकालने में जुटे रहे.
इस संबंध में उप नोडल पदाधिकारी (सफाई) दिनकर प्रसाद ने बताया कि कोशिश हो रही है कि किसी तरह कोई रास्ता निकालते हुए सफाई कार्य को चालू करवाया जाये. उन्होंने बताया कि श्रमिक नेता कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं.