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पितृपक्ष मेले में सुरक्षा के साथ 250 ”तीसरी आंखाें” से भी हाेगी निगहबानी

गया : माेक्षभूमि गयाजी में एक दिन बाद यानी 12 सितंबर से पितृपक्ष मेला महासंगम शुरू हाेनेवाला है. यहां देश-विदेश के लाखाें तीर्थयात्री इस 17 दिनी गयाश्राद्ध के लिए आते हैं. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. 17 दिवसीय इस पितृपक्ष मेले में कई स्तराें पर तैयारियां की जाती हैं. मेला […]

गया : माेक्षभूमि गयाजी में एक दिन बाद यानी 12 सितंबर से पितृपक्ष मेला महासंगम शुरू हाेनेवाला है. यहां देश-विदेश के लाखाें तीर्थयात्री इस 17 दिनी गयाश्राद्ध के लिए आते हैं. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. 17 दिवसीय इस पितृपक्ष मेले में कई स्तराें पर तैयारियां की जाती हैं. मेला क्षेत्र काे 41 जाेन में बांट कर 250 सेक्टर बनाये गये हैं.

इस बार शहर में स्थापित पुलिस थानाें, आउट पाेस्ट के अलावा 74 जगहाें पर सुरक्षा के लिए अस्थायी पुलिस कैंप लगाये जायेंगे. इसके साथ पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस पदाधिकारियाें व जवानाें काे तैनात किया जा रहा है, जिसमें सादे वर्दी में महिला व पुरुष पुलिस बल व पदाधिकारी रहेंगे. माेबाइल पुलिस की भी व्यवस्था हाेगी. स्टेशन कैंपस में स्थायी 42 सीसीटीवी लगाये जाने हैं, इनमें 32 लगाये जा चुके हैं.
शहर में पहले से अलग-अलग जगहाें पर सुरक्षा के लिहाज व अपराधियाें, चाेर, उचक्कों पर निगहबानी के लिए सीसीटीवी लगे हैं. मेले के दाैरान 62 आैर जगहाें पर सीसीटीवी लगाये जा रहे हैं. इसके बाद शहर में सीसीटीवी की कुल संख्या बढ़ कर 250 हाे जायेगी. उधर, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति की आेर से मंदिर कैंपस में हर जगहाें पर सीसीटीवी लगाने का इंतजाम है. कई सीसीटीवी ताे स्थायी रूप से लगे हैं.
आउटसाेर्सिंग से लगाये जायेंगे 800 सफाई मजदूर
पितृपक्ष मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियाें के ठहरने के लिए सरकारी ताैर पर 22 आवासन स्थल बनाये गये हैं, जहां बुनियादी जरूरताें की सुविधाएं माैजूद हैं. पंडाजी के घराें व अन्य 559 आवासन स्थलाें का रजिस्ट्रेशन भी जांच-परख कर किया गया है, जहां तीर्थयात्री ठहरेंगे. आैर-ताे-आैर गयाजी व बाेधगया परिक्षेत्र के सभी हाेटल, रेस्ट हाउस इस माैके पर फुल हाे जाते हैं. 22 आवासन स्थलाें के अलावा 15 आैर जगहाें पर स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे हैं.
इनके अलावा अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में तीर्थयात्रियाें के लिए अलग से वार्ड बनाये गये हैं, जिनमें 20 बेड लगाये गये हैं. जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भी अलग से बेड की व्यवस्था करायी गयी है. शहर क्लीन रहे, इसके लिए निगम की आेर से आउटसाेर्सिंग कंपनी से मेला क्षेत्र के नाै वार्डाें में 800 सफाई मजदूर लगाये गये हैं. विष्णुपद मंदिर परिसर में समिति की आेर से साफ-सफाई का इंतजाम है.
विष्णुपद मंदिर में हैंड मेटल डिटेक्टर से की जा रही जांच
गया : मंदिरों में सुरक्षा के चाक-चौबंद दावे जरूर किये जा रहे हैं. लेकिन, पितृपक्ष मेले के दौरान विष्णुपद मंदिर पहुंचनेवाले यात्रियों की जांच सुरक्षा गार्डों व हैंड मेटल डिटेक्टर से करना होगा. विष्णुपद मंदिर के मेन व फल्गु नदी की ओर वाले गेट पर लगी फिक्स (गेट फेम) मेटल डिटेक्टर मशीन खराब है. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी कमेटी के सचिव गजाधर लाल पाठक ने कहा कि जिला प्रशासन का पूरा ध्यान बोधगया पर रहता है, जबकि पितृपक्ष के मौके पर अधिक भीड़ विष्णुपद मंदिर में ही होती है.
इसके बाद भी यहां दोनों गेटों की मशीन खराब है. मंदिर में कम भीड़ रहने पर यहां तैनात सुरक्षा गार्ड हैंड मेटल डिटेक्टर से चेक कर लेते हैं. अधिक भीड़ होने पर इनके लिए चेक करना संभव नहीं हो पायेगा. उन्होंने बताया कि किसी नेता के आगमन के दिन नयी मशीन लगा दी जाती है.
लेकिन, वह भी कुछ दिनों में ही खराब हो जाती है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के आगमन पर दूसरी मशीन लगायी, पर एक दिन बाद ही मशीन खराब हो गयी. उन्होंने बताया कि मंदिर में कोई भी बिना जांच के नदी के रास्ते आसानी से पहुंच सकता है. समिति की ओर से गार्ड लगाया गया है, लेकिन उनके लिए सब कुछ जांच करना संभव नहीं हो पाता है. मंदिर समिति के सचिव ने कहा कि पिंडदान की सफलता तर्पण के बिना नहीं मानी जाती है.
फल्गु नदी में पानी नहीं होने के कारण इस बार आये तीर्थयात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि देवघाट व मंदिर के पीछे नदी में कुंड खुदाई कर तर्पण की व्यवस्था की जाये. बीच नदी में काफी गंदगी होने के कारण बाहर से आये श्रद्धालुओं के बीच गलत संदेश जायेगा.

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