गया में पहली बार गाल की चमड़ी से बनायी गयी पेशाब की नली

गया : शहर के एसएसपी कोठी के पास स्थित बोस यूरोलॉजी एंड स्टोन क्लिनिक में चिकित्सकों ने यूरेथरल स्ट्रीक्चर नामक बीमारी के इलाज में नया अध्याय जोड़ दिया है. बोस यूरोलॉजी एंड स्टोन क्लिनिक के डायरेक्टर डॉ अभिषेक बोस के नेतृत्व में यूरेथरल स्ट्रीक्चर नामक बीमारी का इलाज करते हुए गाल की चमड़ी का प्रत्यारोपण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2019 9:33 AM

गया : शहर के एसएसपी कोठी के पास स्थित बोस यूरोलॉजी एंड स्टोन क्लिनिक में चिकित्सकों ने यूरेथरल स्ट्रीक्चर नामक बीमारी के इलाज में नया अध्याय जोड़ दिया है. बोस यूरोलॉजी एंड स्टोन क्लिनिक के डायरेक्टर डॉ अभिषेक बोस के नेतृत्व में यूरेथरल स्ट्रीक्चर नामक बीमारी का इलाज करते हुए गाल की चमड़ी का प्रत्यारोपण कर मूत्र की नली बनायी गयी.

यह गया शहर में पहली बार संभव हो सका है. डॉ अभिषेक बोस ने बताया कि कोंच इलाके महदीपुर के रहनेवाले श्री राजेंद्र के बेटे रंजीत को यूरेथरल स्ट्रीक्चर नामक बीमारी थी. इस बीमारी के कारण मरीज पूरी धार के साथ पेशाब नहीं कर पाता था. इसके इलाज में गाल के चमड़े का प्रत्यारोपण कर मूत्र की नली का रास्ता बनाया गया.
हालांकि, गाल के चमड़े को निकाल कर मूत्र की नली को बनाना थोड़ा जटिल लेकिन, सबसे कारगर ऑपरेशन माना जाता है. डॉ बोस ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद मरीज सामान्य रूप से पेशाब कर सकेगा. इस सफल ऑपरेशन में डॉ अभिषेक बोस, सहायक चिकित्सक डॉ राजेश रंजन, डॉ नीरज (एनेस्थेसिया) की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
इधर, मरीज के पिता ने बताया कि ऑपरेशन के पहले उनके बेटे को बूंद-बूंद पेशाब होता था. पेशाब की धार नहीं बन पाती थी. टिकारी स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में भी दिखाया था. लेकिन, कोई विशेष लाभ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि बोस यूरोलॉजी व स्टोन क्लिनिक में ऑपरेशन के बाद उनके बेटे को बहुत आराम है. अब पेशाब करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

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