आस्था : बक्सर में पंचकोसी यात्रा और गया में फल्गु महोत्सव शुरू
पहले दिन बना पुआ-पकवान, अंतिम दिन बनेगा लिट्टी-चोखा विष्णुपद मंदिर प्रांगण में गूंजे मालिनी अवस्थी के सुर गया : अत:सलिला फल्गु नदी से सटे विष्णुपद मंदिर प्रांगण में रविवार की शाम पद्मश्री से सम्मानित मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी के सुर ने शहरवासियों को रोमांचित कर दिया. उनकी खनकती आवाज का असर ऐसा हुआ कि श्रोता […]
पहले दिन बना पुआ-पकवान, अंतिम दिन बनेगा लिट्टी-चोखा
विष्णुपद मंदिर प्रांगण में गूंजे मालिनी अवस्थी के सुर
गया : अत:सलिला फल्गु नदी से सटे विष्णुपद मंदिर प्रांगण में रविवार की शाम पद्मश्री से सम्मानित मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी के सुर ने शहरवासियों को रोमांचित कर दिया. उनकी खनकती आवाज का असर ऐसा हुआ कि श्रोता अपने कुर्सी पर जम गये. सुर सलिला गया जी की ओर से आयोजित ‘फल्गु महोत्सव’ में कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रही मालिनी अवस्थी ने दादरा ‘कासे कहूं तोहे देखे बिना नाही चैन, सावरिया हो’ से शुरू की तो लोग झूम उठे. उन्होंने कहा कि वे अभी हाल ही में बेटी की कन्यादान कर लौटी हैं ऐसे में आज जो भी गाऊंगी अपनी बेटी को याद करते हुए गाऊंगी.
इसके बाद उन्होंने अपने सुर से शाम में बहती ठंडी बयार को गर्म कर दिया. जहां एक ओर उनकी खनकती आवाज गूंज रही थी तो वहीं दूसरी ओर दिग्गज तबला वादक पंडित रामकुमार मिश्र व वायलिन पर बनारस घराने के पंडित सुखदेव मिश्रा ने की जुगलबंदी कार्यक्रम के रोमांच को बढ़ा रही थी.