निगम प्रशासन के दावे के बाद भी खुली गाड़ियों में ढो रहे कूड़ा
अनदेखी : प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिये आदेश का मजाक गाड़ियों पर दिया गया है प्लास्टिक कवर गया : शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने खुली गाड़ियों पर कचरा ढोने पर रोक लगा दिया था. साथ ही अपनी 140 गाड़ियों से कचरा ढोने के लिए प्लास्टिक का कवर कर्मचारियों को […]
अनदेखी : प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिये आदेश का मजाक
गाड़ियों पर दिया गया है प्लास्टिक कवर
गया : शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने खुली गाड़ियों पर कचरा ढोने पर रोक लगा दिया था. साथ ही अपनी 140 गाड़ियों से कचरा ढोने के लिए प्लास्टिक का कवर कर्मचारियों को दिया गया. लेकिन, हालात यह है कि शहर से डंपिंग प्वाइंट तक कचरा अब भी खुली गाड़ियों ले जाकर लोगों को बीमार किया जा रहा है.
यह गाड़ियां जिन-जिन सड़कों से होकर गुजरती हैं, उन जगहों पर गंदगी फैल जाती है. कवर गाड़ियों से कचरा ले जाने का आदेश दो वर्ष पहले से ही निकाला गया था. लेकिन, इस बार अनुपालन करने के लिए प्लास्टिक का कवर खरीदा गया है.
हर रोज निकलता है 250 मीटरिक टन से अधिक कचरा : शहर से हर रोज 250 मीटरिक टन से अधिक कचरा निकलता है. कचरे में अब भी चार से पांच टन प्लास्टिक होता है. शहर में कचरा उठाव उसी वक्त होता है, जिस समय लोगों के ऑफिस व काम पर जाने का समय होता है. कचरे से भरी बिना कवर वाली गाड़ियां कहीं जाम में फंस जाती हैं, तो वहां मौजूद अन्य वाहनों के लोगों का दम घुटने लगता है.
कचरा ढोने वाले कर्मचारी भी नैली डंपिंग प्वाइंट के बदले हर दिन कई गाड़ियों से कचरा बाइपास सलेमपुर, गया-नवादा रोड में कचरा फेंक देते हैं. इससे यहां रहने व गुजरनेवाले लोगों को काफी परेशानी होती है. नैली डंपिंग प्वाइंट पर कचरा को ढंग से नहीं फेंका जाता है. हालात यह है कि आसपास के ग्रामीण निगम के कचरे से बीमार हो रहे हैं.