बिहार में पर्यटन की असीम संभावनाएं: मुख्य न्यायाधीश

गया : बिहार के नाम में ही तीर्थ और पर्यटन निहित है. इस राज्य में पर्यटन की असीम और अनूठी संभावनाएं हैं, क्योंकि इस राज्य में कोई एक या दो धर्म नहीं, बल्कि कई धर्म व पंथ के अनुयायी श्रद्धा लेकर आते हैं. राज्य सरकार को इस अद्भुत राज्य के पर्यटन की असीम संभावनाओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2019 1:15 AM

गया : बिहार के नाम में ही तीर्थ और पर्यटन निहित है. इस राज्य में पर्यटन की असीम और अनूठी संभावनाएं हैं, क्योंकि इस राज्य में कोई एक या दो धर्म नहीं, बल्कि कई धर्म व पंथ के अनुयायी श्रद्धा लेकर आते हैं. राज्य सरकार को इस अद्भुत राज्य के पर्यटन की असीम संभावनाओं को कुरेदना चाहिए, उसे जनहित में निखारना चाहिए.

उक्त बातें मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने प्रतिज्ञा नामक संस्था और गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर दो लोकहित मामले, जो गया शहर के विकास से जुड़े हैं, उस पर एक साथ सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कही. प्रतिज्ञा नामक संस्था की ओर से गया शहर में पेयजल की समस्या और फल्गु नदी में जल संरक्षण हेतु जनहित याचिका दायर की गयी है.
वहीं, गौरव कुमार सिंह ने पटना-गया के बीच की हाइवे सड़क निर्माण में हो रहे विलंब को लेकर जनहित मामला दायर किया है. कोर्ट ने प्रतिज्ञा के मामले में राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर गया में जलापूर्ति की समस्या के निदान के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करने और फल्गु नदी में पानी हमेशा उपलब्ध रहे इस संबंध में ठोस कार्रवाई कर कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. दूसरी लोकहित याचिका पटना-गया रोड के निर्माण में हो रहे विलंब पर दो सप्ताह में जवाब-तलब किया है. इन दोनों मामलों पर अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी.

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