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विदेशों से भी जुड़े हैं अश्विनी वैद्य के तार !

गया: आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबारी वैद्य अश्विनी कुमार का कारोबार नेपाल से भी जुड़ा है. मंगलवार को नेपाल से वैद्य अश्विनी कुमार के कुछ रिश्तेदार गया पहुंचे और उनके ठिकानों पर जिला पुलिस, औषधि नियंत्रण विभाग, वाणिज्य कर (सेल्स टैक्स) विभाग व आयकर विभाग के अधिकारियों की जांच का जायजा लिया. जांच टीम के अधिकारियों […]

गया: आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबारी वैद्य अश्विनी कुमार का कारोबार नेपाल से भी जुड़ा है. मंगलवार को नेपाल से वैद्य अश्विनी कुमार के कुछ रिश्तेदार गया पहुंचे और उनके ठिकानों पर जिला पुलिस, औषधि नियंत्रण विभाग, वाणिज्य कर (सेल्स टैक्स) विभाग व आयकर विभाग के अधिकारियों की जांच का जायजा लिया.

जांच टीम के अधिकारियों ने वैद्य के रिश्तेदारों से सिर्फ उनकी पहचान को लेकर पूछताछ की. अधिकारियों को शंका होने लगी कि कहीं न कहीं वैद्य अश्विनी कुमार के धंधे के तार नेपाल से भी जुड़े हैं. हालांकि, रिश्तेदारों ने जांच टीम को बताया कि वैद्य अश्विनी नेपाल में ग्लास के कारोबार से जुड़े हैं. लेकिन, उनकी बातों में कितनी सच्चई है, यह जांच टीम तहकीकात करने के बाद ही पता चल पायेगा.

कुरियर कंपनी के कर्मचारियों से भी होगी पूछताछ

वैद्य अश्विनी कुमार के गोरखधंधे से जुड़े हर पहलू की सेल्स टैक्स के अधिकारी लगातार मंथन कर रहे हैं. साथ ही वैद्य के कारोबार से संबंधित एक-एक सबूत एकत्रित कर रहे हैं. यौन रोगों के शर्तिया इलाज के लिए वैद्य अश्विनी द्वारा बनाये गये आयुर्वेदिक दवाओं को ग्राहकों के पास डाक विभाग व कुरियर के माध्यम से भेजे जाते थे. मंगलवार को जांच के दौरान उस कुरियर कंपनी का भी पता चला. कुरियर कंपनी शहर के टिकारी रोड स्थित श्रीराम तिलकुट भंडार के पास है. अधिकारियों ने कुरियर कंपनी के मुकेश कुमार नामक कर्मचारी से पूछताछ की. अधिकारियों ने उससे यह जानने की कोशिश किया कि वैद्य अश्विनी वैद्य जब कुरियर करने के लिए माल देता था, वह दस्तावेज उपलब्ध कराता था. अधिकारियों ने अपने सवालों का एक पत्र भी कुरियर कंपनी को भेजा है.

वैद्य के कारोबारी अड्डे से 41 मोबाइल फोन सेट व 50 सिम भी बरामद

गया रेलवे स्टेशन माल गोदाम के पास वैद्य अश्विनी कुमार के ठिकानों में चल रहे कॉल सेंटर से पुलिस ने करीब 41 मोबाइल व 50 सिम बरामद किये हैं. जांच में सभी सिम वोडाफोन पाये गये हैं. वैद्य की आलीशान बिल्डिंग के तीसरे तल्ले पर कॉल सेंटर था. इसमें विभिन्न राज्यों के 12 युवकों को रखा गया था. इन युवकों पर कैदी की तरह नजर रखी जाती थी. कॉल सेंटर में काम करनेवाला युवकों को कहीं भी आने-जाने से मनाही थी. वह बिल्डिंग के दूसरे तल्ले पर भी नहीं जा सकते थे. उन्हें सिर्फ चौथे तल्ले पर जाने की छूट थी, जहां किचन था. रात में ये युवक कभी-कभार अपने घर लौटने के दौरान बिल्डिंग से बाहर निकलते थे. इससे उन्हें जेल जैसी घुटन भी महसूस होती थी. ये बातें जांच टीम के एक अधिकारी ने बतायीं. अधिकारी ने बताया कि इन युवकों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये वेतन दिया जाता था. सिर्फ एक युवक को 12 हजार रुपये मिलते थे. वैद्य अश्विनी पर कार्रवाई होने के बाद भी इन युवकों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है. उनका कहना है कि उन्हें मोबाइल फोन व रजिस्टर दे दिया गया था. किसी ग्राहक का फोन आने के बाद उसकी बीमारी व घर का पता पूछ कर रजिस्टर में नोट कर दिया जाता था. इसके बाद रजिस्टर बिल्डिंग के दूसरे तल्ले पर बैठने वाले लोगों के पास चली जाती थी. वे लोग ही ग्राहकों को पार्सल व कूरियर से दवाएं भेजते थे.

पहरेदारी में लगे मिले 16 सीसीटीवी कैमरे भी

कम उग्र में ही वैद्य अश्विनी कुमार बड़ा ही शातिर है. वह बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सों (सिर्फ शौचालय व बेडरूम को छोड़ कर) व बाहर रोड पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 16 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे. इन सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम बिल्डिंग के प्रथम तल्ले पर बने आवासीय परिसर के एक कमरे में है. घर में प्रवेश करते ही सीसीटीवी में व्यक्ति की हर गतिविधियां रेकॉर्ड होने लगती है. सीढ़ियों पर भी कैमरे लगे हैं. सूचना है कि जांच टीम ने वैद्य अश्विनी वैद्य के आवासीय परिसर का भी निरीक्षण किया. वहां वैद्य के पिता शिव शंकर प्रसाद, माता चिंता देवी के साथ एक तीन वर्ष का एक छोटा बच्च भी रहता है.

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