कॉलेजों को खुद कर रहे गंदा
गया: कॉलेज कैंपस में अनुशासन व बेहतर व्यवस्था की मांग व दावा करनेवाले छात्र संगठन खुद ही आदर्शो व नियमों को ताक पर रख दिये हैं. शहर में शायद ही कोई शिक्षण संस्थान हो, जहां दीवारों पर छात्र संगठनों के नाम व स्लोगन नहीं लिखे गये हों. कॉलेज कैंपस की दीवारों पर तो उनके स्लोगन […]
गया: कॉलेज कैंपस में अनुशासन व बेहतर व्यवस्था की मांग व दावा करनेवाले छात्र संगठन खुद ही आदर्शो व नियमों को ताक पर रख दिये हैं. शहर में शायद ही कोई शिक्षण संस्थान हो, जहां दीवारों पर छात्र संगठनों के नाम व स्लोगन नहीं लिखे गये हों.
कॉलेज कैंपस की दीवारों पर तो उनके स्लोगन हमेशा से ही नजर आते हैं. इस वजह से कॉलेज कैंपस तो गंदा होता ही है, दीवारों की बनावट को भी नुकसान होता है. विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रशासन को भी इसकी फिक्र नहीं है. इन संगठनों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई की बात भी सामने नहीं आयी है.
स्वयं ही तोड़ते हैं अनुशासन
रोज किसी न किसी छात्र संगठन की ओर से कॉलेज में कु व्यवस्था व कॉलेज प्रशासन के खिलाफ लापरवाही की शिकायत व उसके खिलाफ प्रदर्शन की बात होती है. लेकिन, संगठन की गलती पर छात्रों का ध्यान नहीं जाता. अनुशासन की बात करनेवाले इन संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज की दीवारों को रंग कर स्वयं अनुशासन तोड़ते हैं.
क्या है डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट
इस नियम के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अपराध है. इसके तहत दीवार, पेड़, पोल व अन्य चीजों पर बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की पेंटिंग, सजावट व लिखना अपराध की श्रेणी में आता है. इसके तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक साल तक की सजा या पचास हजार रुपये का आर्थिक दंड या दोनों तरह की सजा एक साथ हो सकती है. दोषी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 425 व 434 के तहत कार्रवाई होगी.