आशा को मिला संस्थागत प्रसव कराने का टास्क
बोधगया: जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित रहें, इसके लिए बोधगया प्रखंड क्षेत्र की सभी आशा को अपने-अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को पीएचसी में प्रसव कराने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. इसके लिए सभी आशा को गर्भवती महिलाओं की सूची बना कर पीएचसी को सौंपने को कहा गया है. साथ ही, […]
बोधगया: जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित रहें, इसके लिए बोधगया प्रखंड क्षेत्र की सभी आशा को अपने-अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को पीएचसी में प्रसव कराने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. इसके लिए सभी आशा को गर्भवती महिलाओं की सूची बना कर पीएचसी को सौंपने को कहा गया है.
साथ ही, यह भी कहा गया है कि प्रसव पीड़ा की सूचना मिलने पर संबंधित क्षेत्र की आशा तत्काल एंबुलेंस को कॉल करें व उक्त महिला को पीएचसी तक पहुंचाने में मदद करें. बोधगया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि ऐसा देखा जा रहा है कि जानकारी के अभाव में व सुविधाओं की कमी के कारण ज्यादातर प्रसव गांवों में गैर प्रशिक्षित लोगों के सहयोग से व निजी क्लिनिकों में करा लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गांवों में कराये जानेवाले प्रसव के दौरान संक्रमण सहित अन्य तरह के खतरों की संभावना ज्यादा होती है.
इस कारण जच्चा व बच्चा दोनों संकट में पड़ सकते हैं. डॉ सिन्हा ने बताया कि स्थिति बिगड़ने के बाद परिजनों द्वारा प्रसूता को अस्पताल में लाया जाता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है. उन्होंने बताया कि सभी आशा को सूची उपलब्ध कराने के साथ-साथ यह टास्क दिया गया है कि वे प्रसव पीड़ा वाली महिलाओं को पीएचसी तक पहुंचाने में मदद करें. उन्होंने बताया कि जच्चा व बच्चा दोनों की सुरक्षा के लिए सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव कराना बेहतर होता है.