मगध मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर खतरा!

गया : एमसीआइ की टीम के कक्ष में टीम के पहुंचने के बाद संबंधित अधिकारियों को भनक लगी. उस समय तक प्रिंसिपल कार्यालय नहीं पहुंचे थे. जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारी व कर्मचारी एक-दूसरे को मोबाइल पर व्यवस्थित रहने की हिदायत देने लगे. सूत्रों का कहना है कि टीम के अचानक दस्तक देने से मेडिकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 2:59 AM

गया : एमसीआइ की टीम के कक्ष में टीम के पहुंचने के बाद संबंधित अधिकारियों को भनक लगी. उस समय तक प्रिंसिपल कार्यालय नहीं पहुंचे थे. जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारी व कर्मचारी एक-दूसरे को मोबाइल पर व्यवस्थित रहने की हिदायत देने लगे. सूत्रों का कहना है कि टीम के अचानक दस्तक देने से मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर खतरा उत्पन्न हो गया है.

औचक निरीक्षण किया था. उस समय इन्फ्रास्ट्रक्चर व शिक्षकों की भारी कमी पायी गयी थी. कमियों को शीघ्र ही दूर कर लेने की हिदायत एमसीआइ ने दी थी. इस दिशा में स्वास्थ्य निदेशालय व अस्पताल प्रशासन द्वारा पहल की गयी, लेकिन सफलता अब तक नहीं मिल पायी है. कॉलेज अब भी एमसीआइ की गाइडलाइंस से कोसों दूर है.

अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा की मानें, तो टीम में दो डॉक्टर शामिल हैं. इनमें एक गोवा, तो दूसरे असम से हैं. डॉ सिन्हा ने बताया कि विगत 19 मई के निरीक्षण में मिली कमियों को दूर किया जा सका है या नहीं, इसकी समीक्षा करने टीम आयी है. टीम के सदस्यों ने ब्लड बैंक, क्लिनिकल पैथोलॉजी, इमरजेंसी वार्ड, मॉड्यूलर ओटी, आइसीयू, छात्रावास व पुस्तकालय समेत एक-एक कर सभी विभागों का निरीक्षण किया.

गौरतलब है कि विगत 19 मई को निरीक्षण के दौरान टीम ने क्लिनिकल पैथोलॉजी में सेंट्रल रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं होने पर असंतोष जताया था. सर्जिकल आइसीयू व आइसीसीयू नहीं होने पर भी नसीहत दी थी. दूसरे दिन विभिन्न विभागों में बनाये गये यूनिट व अलग-अलग विभागों में स्वीकृत पद, कार्यरत बल व रिक्त पदों की जानकारी लेने के बाद टीम ने शिक्षकों की कमी पर नाराजगी प्रकट की थी. साथ ही, अनुबंध पर नियुक्त डॉक्टरों को मानने से इनकार कर दिया था. ओवरऑल डिपार्टमेंट में 30 से 40 प्रतिशत शिक्षकों का पद रिक्त पाया गया था. कुछेक पद भरे गये हैं, पर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी बिल्कुल दूर नहीं की जा सकी है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज की मान्यता बरकरार रह पायेगी, यह कहना मुश्किल है.

Next Article

Exit mobile version