कुछ भी बताने से किया परहेज

गया : राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआइ), पटना की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम डॉ कृष्णा पांडेय के नेतृत्व में मंगलवार को बंगाली कॉलोनी का जायजा लिया. इससे पहले मगध मेडिकल कॉलेज में भरती रानी कुमारी व राजेश कुमार की क्लिनिकल जांच की व ब्लड सैंपल लिये. दोनों के बीएचटी (बेड हेड टिकट) का भी गहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 3:02 AM

गया : राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआइ), पटना की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम डॉ कृष्णा पांडेय के नेतृत्व में मंगलवार को बंगाली कॉलोनी का जायजा लिया. इससे पहले मगध मेडिकल कॉलेज में भरती रानी कुमारी व राजेश कुमार की क्लिनिकल जांच की व ब्लड सैंपल लिये. दोनों के बीएचटी (बेड हेड टिकट) का भी गहन अध्ययन किया.

बीएचटी से ही अज्ञात बीमारी के शिकार हुए लोगों की हिस्ट्री ली. मगध मेडिकल के अस्पताल अधीक्षक व डॉक्टरों से भी पूछताछ कर जानकारी प्राप्त की.गौरतलब है कि शहर के बंगाली कॉलोनी में विगत चार सितंबर से ही अज्ञात बीमारी का कहर जारी है. यह बीमारी एक-एक कर दस लोगों को अपने गिरफ्त में ले चुकी है. इनमें से छह की मौत हो चुकी है. इनमें सुरेश साव, नरेन चक्रवर्ती, रेखा देवी, संजय यादव व उनकी दो बेटियां बेबी व रेशमी शामिल है. अब भी तीन बच्चे समेत चार लोग बीमार हैं.

इनमें मृतक संजय यादव की बेटी रूबी, मृतका रेखा देवी की बेटी रानी व बेटा राजेश एवं मृतक सुरेश साव की पत्नी मीना देवी शामिल हैं. कई अन्य लोगों के बीमार होने की भी सूचना है, जो पैसे व जानकारी की अभाव में नीम-हकीमों के चंगुल में फंसे हैं. समय रहते इन्हें चिह्नित नहीं किया गया, तो मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.

इस अज्ञात बीमारी पर रोक लगा पाने में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा कामयाब नहीं हो पाया, तो रविवार को इसकी सूचना स्वास्थ्य निदेशालय को देकर विशेषज्ञ टीम भेजने का अनुरोध किया था, ताकि बीमारी व उसके कारणों को पता लगाया जा सके व उस पर रोक लगायी जा सके.

अनुरोध को देखते हुए आरएमआरआइ की पांच सदस्यीय टीम मंगलवार को गया पहुंची. इसमें मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ कृष्णा पांडेय, एपीडेमोलॉजिस्ट डॉ आरके टोपनो, व्रायोलॉजिस्ट डॉ गणेश साहू, टेक्नीशियन राजेंद्र कुमार व नरेश कुमार सिन्हा शामिल हैं. इस टीम के नेतृत्वकर्ता डॉ पांडेय ने बताया कि बंगाली कॉलोनी के लोग जिस कुएं का पानी पीते हैं, वह काफी गंदा है. खुले में लोग पहाड़ पर शौच करते हैं, जो पानी बरसने पर कॉलोनी को दूषित करता है. उन्होंने बताया कि तीन बीमार लोगों के ब्लड सैंपल लिये गये हैं. जांच के बाद ही बीमारी की पुष्टि की जा सकती है. अभी कुछ भी बताना संभव नहीं है.

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