नक्सली कांड में छात्र को जेल

गया: हाल के वर्षो में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं व समाज में आये परिवर्तन को लेकर युवकों का नक्सली संगठन की ओर झुकाव काफी कम हुआ है. इसका असर यह है कि नक्सलग्रस्त इलाकों में भी नक्सलियों के प्रादुर्भाव में भी कमी आयी है. लेकिन, अब पुलिस के क्रियाकलापों से युवक समाज की मुख्य धारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2014 8:00 AM

गया: हाल के वर्षो में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं व समाज में आये परिवर्तन को लेकर युवकों का नक्सली संगठन की ओर झुकाव काफी कम हुआ है. इसका असर यह है कि नक्सलग्रस्त इलाकों में भी नक्सलियों के प्रादुर्भाव में भी कमी आयी है.

लेकिन, अब पुलिस के क्रियाकलापों से युवक समाज की मुख्य धारा से अलग होने को विवश हो रहे हैं. ऐसी ही एक घटना औरंगाबाद जिले के धनगाई के योगेंद्र बैठा के साथ हुई है. 19 जुलाई की शाम मदनपुर थाने की पुलिस ने योगेंद्र बैठा के 18 वर्षीय बेटे मिथुन कुमार को गिरफ्तार किया.

उस पर थाना कांड संख्या 136/14 में शामिल होने का आरोप लगा कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. मिथुन के जेल जाने से उसके परिवार वाले परेशान हैं. अपने निदरेष बेटे को जेल से रिहा कराने को लेकर योगेंद्र बैठा अपने परिजनों के साथ पुलिस के वरीय अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं. मिथुन की गिरफ्तारी को दो माह से अधिक हो गये.

इसके बावजूद इनके पिता अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. शुक्रवार को योगेंद्र बैठा अपने साले के बेटे चंदन कुमार के साथ गया शहर स्थित डीआइजी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के कार्यालय आये. उन्होंने वहां एएसपी सत्य नारायण कुमार से शिकायत की. क्राइम रीडर ने इस मामले में ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

क्या है मामला

मिथुन के पिता योगेंद बैठा बताते हैं कि वह काफी गरीब हैं. लेकिन, उनका बेटा मिथुन पढ़ाई में काफी ध्यान लगाता है. मिथुन का ननिहाल आमस थाने के मंझौलिया गांव के रहनेवाले शिक्षक गणोश कुमार के घर में हैं. मिथुन की पढ़ाई को लेकर उसे ननिहाल में रख दिया. ननिहाल में ममेरा भाई शिक्षक गणोश कुमार की देखरेख में मिथुन की पढ़ाई जारी रही. मिथुन औरंगाबाद स्थित एसएन सिन्हा कॉलेज से स्नातक का छात्र है. 18 जुलाई को वह औरंगाबाद स्थित रामलखन सिंह यादव कॉलेज में आयोजित परीक्षा में सम्मिलित भी हुआ था. लेकिन, 19 जुलाई को मदनपुर प्रखंड सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में हुए हमले व उपद्रव के मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. योगेंद्र बैठा ने बताया कि उनका पूरा परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है. उनके किसी भी परिवार के विरुद्ध थाने में धारा 107 तक का मुकदमा दर्ज नहीं है. लेकिन, उनके बेटे को नक्सली कांड में फंसा कर जेल भेज दिया.

क्या कहते हैं डीआइजी

डीआइजी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री के गया आगमन को लेकर उनकी सुरक्षा में व्यस्त था. इसके कारण उनकी अनुपस्थिति में एएसपी ने जनता दरबार में आये फरियादियों की शिकायतें सुनी. निदरेष युवक को नक्सली कांड में जेल देने का मामला गंभीर है. इस मामले की जांच समक्ष पदाधिकारियों से करायी जायेगी. पीड़ित परिजनों के साथ न्याय किया जायेगा.

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