गया: बेलगाम स्कूली बसों की मनमानी पर रोक लगाने में परिवहन विभाग फिसड्डी साबित हो रहा है. मगध प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार कार्यालय द्वारा बसों पर लगाम कसने के लिए गत 16 अप्रैल से शुरू मुहिम की हवा निकल चुकी है. आलम यह है कि अब तक दो स्कूलों ने ही परमिट के लिए आवेदन दिये हैं. उन्हें भी परमिट जारी नहीं हो पाया है.
शहर के प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों को रोड परमिट लेने के लिए मगध प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार के संयुक्त आयुक्त सह सचिव किशोरी पासवान ने अपने दफ्तर में तलब किया था तथा उन्हें शीघ्र रोड परमिट लेने की सलाह भी दी. लेकिन, नतीजा सिफर रहा. शुक्रवार तक मगध प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार कार्यालय में सिर्फ दो स्कूल के प्रबंधकों ने परमिट के लिए आवेदन दिये हैं. संयुक्त आयुक्त सह सचिव किशोरी पासवान ने बताया कि बोधगया स्थित ज्ञान भारती आवासीय विद्यालय से 17 और परम ज्ञान निकेतन से चार स्कूली बसों के रोड परमिट के लिए आवेदन मिले हैं.
उन्होंने बताया कि 26 जून को मगध प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार की बैठक आयोजित की गयी है. इसमें दोनों स्कूलों की बसों को रोड परमिट देने पर विमर्श किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इन स्कूली बसों के रोड परमिट से संबंधित कुछ कागजात नहीं थे. स्कूल प्रबंधकों से कागजात की मांग की गयी है. संभावना है कि 26 जून की बैठक के बाद उक्त दोनों स्कूलों की बसों को रोड परमिट दे दिया जायेगा.
हर हाल में होगी कार्रवाई
श्री पासवान ने बताया कि स्कूली बसों पर अंकुश लगाने के लिए 16 अप्रैल से ही मुहिम चलायी गयी है. प्रमंडलीय आयुक्त ने भी निर्देश दिये हैं. 22 अप्रैल को मिलिटरी कैंप में 12 स्कूली बसों के रोड परमिट की जांच की गयी. एक भी स्कूल बस के चालक के पास पूरे कागजात नहीं मिले. इस दौरान कई बसों को पकड़ा भी गया.
इसके मद्दनेजर 24 अप्रैल को सभी स्कूल प्रबंधकों को कार्यालय में तलब किया गया था. इसके बाद 25 अप्रैल को अधिकारियों ने बिना रोड परमिट के पांच स्कूली बसों को पकड़ा. उन्होंने बताया कि तीन मई को आयुक्त कार्यालय में मगध प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार की बैठक की गयी और रोड परमिट इश्यू करने पर विमर्श किया गया. उन्होंने कहा कि रोड परमिट नहीं लेने वाले स्कूल प्रबंधकों पर हर हाल में कार्रवाई होगी. इसकी तैयारी की जा रही है.